रायपुर : हमारे जीवन में यदि कोई समस्या आती है तो उसे दूर करने के लिए ज्योतिष रत्न पहनने की सलाह देते हैं. सूर्य के लिए माणिक, चंद्रमा के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, बृहस्पति के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया पहनने की सलाह देते हैं. यह रत्न मूल रत्न है लेकिन कई बार शुद्ध रत्न नही मिल पाता. शुद्ध रत्न अत्यंत महंगे भी होते हैं. जातक की खरीदी क्षमता के अनुसार भी नहीं होते. सूर्य की शांति के लिए उपरत्न भी पहनने की सलाह दी जाती है. जैसे सूर्य के लिए सूर्यकांत मणि.
रत्नों की शुद्धता में होती है कमी :ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि ग्रहों की शांति के रत्न और उप रत्न सस्ते दाम में भी मिल जाता है लेकिन उसमें शुद्धता कम होती है. लेकिन बाजार में ओरिजिनल और शुद्ध रत्न भी उपलब्ध हैं. इनका प्रभाव भी अच्छा होता है.ये जातक को ज्यादा नुकसान भी नहीं पहुंचाते.
''रत्नों को पहनने के लिए ज्योतिष की सलाह जरुरी है. विधिवत प्राण प्रतिष्ठा पूजा करने के बाद ही जातक को रत्न धारण करना चाहिए. रत्न और उपरत्न कई बार जल्द ही प्रभाव देते हैं. यदि इनके धारण करने के बाद कोई मानसिक परेशानी बढ़ती है या कोई नुकसान होता है तो इसे तुरंत उतार कर इसका फिर से परीक्षण कर ज्योतिष की सलाह से दोबारा धारण करना चाहिए."- डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर ज्योतिष एवं वास्तुविद