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किस AC बोगी का मिलता है सबसे सस्ता टिकट? जानें रेलवे के नियम और मिलने वाली सुविधाएं? - Travel In AC Coach

Facilities In Train: जब कम कीमत में ऐसी बोगी का टिकट मिल रहा है तो स्लीपर में सफर क्यों करना? इस खबर को पढ़ने के बाद भी आप यही कहेंगे. दरअसल, रेलवे कई तरह की स्कीम चला रही है, जिससे कम कीमत में ट्रेन के एसी कोच में सफर का आनंद ले सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

ट्रेन के AC बोगी में सफर
ट्रेन के AC बोगी में सफर (Concept Image)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 13, 2024, 8:11 AM IST

Updated : Jul 13, 2024, 9:14 AM IST

पटनाः भारत के करोड़ों लोग रोजाना ट्रेन में सफर करते हैं. पूर्व मध्य रेल में लगभग लाख लोग यात्रा करते हैं. अगर आप भी सफर का प्लान बना रहे हैं तो रेलवे की नई स्कीम से अपडेट हो लें ताकि आप कम कीमत में टिकट बुक कराएं. रेलवे अब टिकट बुक करने के दौरान कई ऑफर देते है जिससे कम कीमत में ट्रेन का टिकट किया जा सकता है.

चार तरह की एसी बॉगीः दरअसल, ट्रेन में जनरल, स्लीपर और ऐसी तीन तरह के कोच होते हैं. गर्मी में अक्सर लोग एसी कोच में सफर करना चाहते हैं. एसी कोच में चार तरह की सुविधा होती है. फर्स्ट, सेकंड, थर्ड एसी और इकोनॉमी कोच होते हैं. थर्ड एसी के मुकाबले एसी कोच की टिकट सस्ती होती है. थर्ड एसी की इकोनॉमी कोच सभी ट्रेनों में उपलब्ध नहीं होती है. कुछ चुनिंदा ट्रेन में यह सुविधा मिलती है.

फर्स्ट एसीः कई यात्रियों को पता नहीं होता कि एसी के कितने कोच होते हैं और क्या-क्या सुविधा मिलती है. ट्रेन के एसी कोच में सबसे पहले फर्स्ट एसी(AC First Class) होता है. इसमें चार्ट बनने के बाद सीट संख्या का पता चलता है. बुकिंग के दौरान टिकट पर सिर्फ कंफर्म लिखा होता है. वीवीआईपी को इसमे पहली प्राथमिकता दी जाती है. इसमें केबिन(Coupe) बना होता है. किसी में 4 तो किसी में 2 सीट होते हैं. अगर दो बर्थ वाले कूप (Coupe) बुक करना चाहते हैं तो रेलवे के पास आपको आग्रह पत्र कारण के साथ देना होता है.

ट्रेन के AC बोगी में सफर (Concept Image)

एसी सेकेंड क्लासः दूसरा कोच एसी सेकेंड क्लास (AC 2 Tier) का होता है. प्रथम श्रेणी के कोच से इसकी कीमत कम होती है. ट्रेनों में इसकी संख्या एक या दो होती है. एक कंपार्टमेंट में ऊपर और नीचे मिलाकर चार सीट होती है और साइड में ऊपर और नीचे दो सीटें होती है. सुविधाओं की बात करें तो सीट चौड़ी होती है. कंपार्टमेंट में दरवाजे की जगह पर्दे लगे होते हैं. चादर, कंबल, तकिया और छोटा तौलिया के साथ-साथ चार्चिंग की सुविधा होती है.

ट्रेन के AC बोगी में सफर (Concept Image)

थर्ड क्लासः तीसरे नंबर पर थर्ड क्लास (AC 3 Tier) होता है. इस कोच में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या अधिक होती है. मध्यमवर्गीय लोग ज्यादा सफर करते हैं. इसकी कीमत फर्स्ट और सेकेंड क्लास से कम होती है. इसके एक कंपार्टमेंट में ऊपर, बीच में और नीचे मिलाकर 6 सीट होती है. साइड से ऊपर और नीचे मिलाकर दो सीट होती है. इसके कंपार्टमेंट में पर्दे नहीं लगे होते हैं. इस श्रेणी में सफर करने वाले यात्रियों को भी बेडरोल, तकिया, रीडिंग लैंप और चार्जिंग की सुविधा दी जाती है.

ट्रेन के AC बोगी में सफर (Concept Image)

एसी चेयर कारःचौथे नंबर पर एसी चेयर कार (AC Chair Car) होता है. यह एक प्रकार का अलग कोच होता है लेकिन सभी ट्रेनों में इस कोच को नहीं लगाया जाता है. इस कोच में सोने वाली सीट नहीं होती है. बैठने के लिए कुर्सी के प्रकार की सीट होती है. हालांकि इसमें एसी की सुविधा दी जाती है. एक लाइन में पांच या 6 कुर्सी लगी होती है. इसमें बैठकर ही सफर कर सकते हैं. हालांकि सीट पीछे कर आराम से सो सकते हैं. इसमें सिर्फ चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा दी जाती है.

ट्रेन के AC बोगी में सफर (Concept Image)

कोच को कैसे पहचानेः अब सवाल है कि ट्रेन में एसी कोर्च को कैसे पहचानें. इसके लिए रेलवे की ओर से अच्छी व्यवस्था की गयी है. 1st AC, 2nd AC और 3rd AC कोच को पहचानना काफी आसान है. एसी फर्स्ट क्लास की कोच की पहचान के लिए बोर्ड लगाया जाता है जिसपर H1 लिखा होता है. अगर कोच की संख्या बढ़ती है तो H2, H3 हो सकता है. सेकेंड ऐसी की कोच पर A1 लिखा होता है. कोच की संख्या बढ़ने पर A1 ,A2 लिखा जाता है. थर्ड क्लास की कोच पर BI लिखा होता है. कोच बढ़ने की स्थिति में B2,B3 आदि लिखा जाता है. चेयर कार के लिए CC का प्रयोग किया जाता है. इसपर अंग्रेजी में Chair Car या कुर्सी यान लिखा जाता है.

स्लीपर और सामान्य बोगीः इसके अलावे ट्रेन में स्लीपर (SL Or Sleeper class) और सामान्य (Genral) बोगी होती है. स्लीपर में ऐसी थर्ड क्लास की तरह ही सीट होती है लेकिन इसमें ऐसी नहीं लगी होती है और रेलवे की ओर से कोई सामान नहीं दिया जाता है. सिर्फ चार्चिंग प्वाइंट दिया जाता है. सामान्य बोगी में केवल बैठने के लिए सीट होती है. इसके अलावे ऊपर में सामान रखने के लिए रैक दिया जाता है. आमतौर पर यात्री इसे सोने में इस्तेमाल करते हैं या ऊपर चढ़कर बैठते हैं.

टिकट बुक करने का तरीकाः ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के सदस्य एके शर्मा ने बताया कि बदलते जमाने में हर लोग एसी कोच में सफर करना चाहते हैं. लेकिन टिकट बुक करते समय कई ऑप्शन चुनना होता है. राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों में भी सदस्य टिकट खरीद सकते हैं. इन बातों को ध्यान रखना होगा कि आप टिकट कब बुक कर रहे हैं.

"यात्रा से 1 दिन पहले बुक कर रहे हैं तो आपको ज्यादा चार्ज देना होगा. जो रेल यात्री एक महीना पहले यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं और इस समय किसी भी ट्रेन की एसी कोच की टिकट लेते हैं तो उनको लगभग ट्रेन टिकट में काफी बचत होगा. रेलवे द्वारा डायनेमिक फेयर फेसिंग लागू किया गया. इसका मतलब कि आप जितना पहले ट्रेन की टिकट बुक करेंगे पैसा कम देना पड़ेगा."-एके शर्मा, सदस्य, ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन

ऐसे बचाएं पैसाः एके शर्मा ने बताया कि कई ट्रेन में एसी चेयर कार और एग्जीक्यूटिव क्लास है. आप एग्जीक्यूटिव क्लास का टिकट लेते हैं तो थोड़ा सा महंगा पड़ेगा. एसी चेयर कार में सफर कर पैसा बचा सकते हैं. एसी चेयर कार में यात्रा के दौरान 25% तक छूट दी जाती है. इसका फायदा उठाकर यात्री कई तरह के लाभ ले सकते हैं और सफर भी अच्छा होगा.

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Last Updated : Jul 13, 2024, 9:14 AM IST

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