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बनारस का रोपवे: हर 2 मिनट में मिलेगा गोंडोला, एक घंटे में 6000 लोग कर सकेंगे सफर; स्टेशन से विश्वनाथ मंदिर सिर्फ 16 मिनट में - varanasi ropeway - VARANASI ROPEWAY

काशी के विकास माॅडल को देखने के लिए मिजोरम सरकार (ropeway project in Varanasi) ने चार अधिकारियों को वाराणसी भेजा. मिजोरम सरकार रोपवे की तर्ज पर अपने प्रदेश में निर्माण कराना चाहती है.

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काशी में रोपवे प्रोजेक्ट को देखने पहुंचे मिजोरम के अधिकारी (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 5, 2024, 12:42 PM IST

Updated : Aug 5, 2024, 3:54 PM IST

वाराणसी :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास के रास्ते वाराणसी को विश्व में नई पहचान दिला रहे हैं. इसी तर्ज पर मिजोरम सरकार भी अब काशी के विकास मॉडल को अपनाना चाहती है. कुछ दिनों पूर्व मिजोरम सरकार की तरफ से भेजे गए आइजोल सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के चार अधिकारियों ने वाराणसी का दौरा कर काशी में चल रहे रोपवे के निर्माण की पूरी प्रक्रिया को समझा था. चलिए जानते है रोपवे के इस मॉडल के बारे में.

काशी में रोपवे प्रोजेक्ट को देखने पहुंचे मिजोरम के अधिकारी (Photo credit: ETV Bharat)

आइजोल सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एएसयूटीपी) के तहत रोपवे सिस्टम मिजोरम की राजधानी आइजोल में प्रस्तावित है. कुछ वर्ष पूर्व कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री और आंध्र प्रदेश के आलाधिकारी भी वाराणसी के विकास को देखने आ चुके है. यही नहीं, बाबा विश्वनाथ की व्यवस्था देखने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य भी काशी आ चुके हैं.

काशी पहुंचे मिजोरम के अधिकारी (Photo credit: ETV Bharat)

काशी का विकास मॉडल मिजोरम सरकार को भाने लगा है. मिज़ोरम सरकार काशी में निर्माण हो रहे रोपवे की तर्ज पर अपने प्रदेश में निर्माण कराना चाहती है. नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी के मुताबिक, वाराणसी में दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे का निर्माण किया जा रहा है. मिजोरम सरकार के सेक्रेटरी और अर्बन डेवलपमेंट एंड पावर्टी एलिवेशन डिपार्टमेंट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने आइजोल सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट यूनिट मैनेजर के जॉइंट डायरेक्टर और प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर को वाराणसी में चल रहे रोपवे निर्माण की पूरी प्रक्रिया को समझने के लिए भेजा था.

रोपवे मॉडल की खासियत
एनएचएलएम के अधिकारी ने बताया कि आइजोल सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एएसयूटीपी) के डायरेक्टर एंड्रिव लालहरुआ और प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर एचवीएल ज़ारज़ोएंगा व दो अन्य अधिकारियों ने अपने दौरे में रोपवे का साइट विजिट करके रोपवे के निर्माण की डिजाइन, सुरक्षा प्रोटोकॉल, परिचालन और वित्तीय योजना को विस्तार से समझा. रोपवे के जरिए वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर तक की करीब चार किलोमीटर की यात्रा महज 16 मिनट में तय होगी. रोपवे का निर्माण 807 करोड़ से किया जा रहा है. इसमें लगभग 150 ट्रॉली कार चलेगी. एक ट्रॉली में 10 यात्री बैठ सकते हैं. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगी. एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ-जा सकेंगे.

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Last Updated : Aug 5, 2024, 3:54 PM IST

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