पटना :बिहार में पिछले एक सप्ताह से मानसून सक्रिय है. इस कारण बिहार के अधिकांश हिस्सों में पिछले 5 दिनों से लगातार बारिश हो रही है. लगातार वर्षा की वजह से गंगा के साथ-साथ अधिकांश नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. गंगा, कोसी, बागमती, नदी के जलस्तर में वृद्धि के चलते ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ सकता है. इस वजह से रेलवे अभी से ही अपनी तैयारी में जुट गई है.
कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर :लगातार हो रही बारिश से बिहार की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है. कोसी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कोसी नदी खगड़िया जिला में और परमान नदी अररिया जिला में खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं.
भागलपुर में डराने लगी है गंगा : मुजफ्फरपुर और दरभंगा में बागमती नदी और अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है. सुपौल में खतरे के निशान से ऊपर हो गई है. 1 लाख 28 हजार 265 क्यूसेक बढ़ गया. ऐसे में कोसी बराज के 20 फाटक खोल दिये गये हैं. वहीं भागलपुर में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के चलते ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ सकता है.
रेलवे तैयारी में जुटा :पिछले 5 दिन से लगातर हो रही बारिश से गंगा और अन्य नदियों के जलस्तर बढ़ते देख रेलवे अभी से तैयारी में जुट गया है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए रेलवे अभी से ही सतर्कता बरतने लगा है. बाढ़ से ट्रेनों के परिचालन पर असर नहीं पड़े इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी सरस्वती चंद्र ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पुलों की जांच कराई जा रही है. रेलवे ट्रैक या पुल में मामूली खराबी को तुरंत ठीक करा दिया जा रहा है.
''जहां भी रेलवे ट्रैक पर पानी आने की पहले से आशंका है, वहां लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है. वहीं ट्रैक पर स्पीड डायरेक्शन मशीन लगाया गया है, जिससे कि अगर रेलवे ट्रैक पर पानी आने की संभावना होगी तो वह मशीन पहले ही स्टेशन मास्टर को सूचित कर देगा. लगातार चिन्हित जगह पर रेल कर्मियों के द्वारा पटरी पर भ्रमण किया जा रहा है. गंगा के जलस्तर के बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है.''-सरस्वती चंद्र, मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी, पूर्व मध्य रेलवे