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Delhi: सत्येंद्र जैन के बाहर आने से पार्टी को कितना मिलेगा सियासी लाभ, केजरीवाल ने क्यों कहा "वेलकम बैक" जानिए

-सत्येंद्र जैन को जमानत मिलने से कार्यकर्ताओं का बढ़ा आत्मविश्वास -जैन को मिलने वाली जिम्मेदारी पर सबकी नजर -चुनाव में इसपर जरूर होगी चर्चा

जेल से आकर अरविंद केजरीवाल से मिले सत्येंद्र जैन
जेल से आकर अरविंद केजरीवाल से मिले सत्येंद्र जैन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 19, 2024, 11:46 AM IST

Updated : Oct 19, 2024, 2:25 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के पुराने नेता और केजरीवाल सरकार में मंत्री रह चुके सत्येंद्र जैन शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं. इससे आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है. शुक्रवार रात को जब सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल से बाहर आए, उस समय अरविंद केजरीवाल के अलावा पार्टी के पहले पंक्ति के नेता मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह, मुख्यमंत्री आतिशी सभी स्वागत करने के लिए जेल के बाहर जुटे. चर्चा थी अरविंद केजरीवाल भी जाएंगे, लेकिन वह नहीं गए. सत्येंद्र जैन ने उनके घर जाकर मुलाकात की.

सत्येंद्र जैन से मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए अरविंद केजरीवाल ने लिखा "वेलकम बैक सत्येंद्र!". इसके कई मायने बताए जा रहे हैं. दरअसल, सत्येंद्र जैन को सशर्त जमानत मिली है और उनपर चल रहे मुकदमे को लेकर किसी से बात नहीं कर सकते. इससे पहले भी जब स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी तब उन्होंने अलग-थलग होकर ही स्वास्थ्य लाभ लिया था.

तंज नहीं कर सकेंगे नेता: वहीं इस बार राउज एवेन्यू कोर्ट से जिन शर्तों पर उन्हें जमानत मिली है, इसका नाता सिर्फ केस से ही जुड़ा हुआ है. वह आम आदमी पार्टी के नेताओं से मिलने के साथ ही पार्टी की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने पुराने साथी के जेल में होने से जो तंज आम आदमी पार्टी के नेताओं को सुनने को मिलता, वह अब नहीं होगा. उधर, सत्येंद्र जैन ने भी जेल से बाहर आने के बाद जिस तरह जोश दिखाते हुए दिल्ली सरकार के कामों में तेजी लाने की बात कही और अरविंद केजरीवाल के प्रति अपना आभार जताया, इसके कई मायने हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले अरविंद केजरीवाल को बदनाम करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर ऐसा होता तो केजरीवाल कभी जेल नहीं जाते बल्कि पलटी मार जाते.

नेताओं का बढ़ा आत्मविश्वास: सत्येंद्र जैन केजरीवाल सरकार में मनीष सिसोदिया के बाद तीसरे नंबर के मंत्री थे. इन्हें सबसे प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी मिली थी. जिन विभागों की उन्हें जिम्मेदारी मिली थी वह विभाग वर्तमान में मुख्यमंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के पास है, जबकि सत्येंद्र जैन अकेले इन विभागों को देख रहे थे. दिल्ली शराब घोटाले में नामजद अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और उनके करीबियों के जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद सत्येंद्र जैन इकलौते पार्टी के नेता थे, जो मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य मामले में जेल में बंद थे. ऐसे में उनकी जमानत के बाद पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास बढ़ गया है.

कार्यकर्ताओं में गया नया संदेश:राजनीतिक विश्लेषक जगदीश ममगाई ने कहा कि पार्टी जरूर अब इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेगी. अपनी ईमानदारी को लेकर केजरीवाल जिस तरह से बातें कर रहे हैं और इसपर तटस्थ हैं, इसका असर भी जरूर पड़ेगा. अरविंद केजरीवाल जब जेल से जमानत पर बाहर आए थे तो उन्होंने कहा था कि अब उनका मकसद मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को भी बाहर निकालना है. इतनी जल्दी दोनों नेताओं के बार आने से पार्टी कार्यकर्ताओं में एक नया संदेश गया है. अब पार्टी सत्येंद्र जैन को क्या जिम्मेदारी देती है, यह देखना दिलचस्प होगा.

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यह था मामला: बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानती देने पर राहत दी है. सत्येंद्र जैन को ईडी ने साल 2022 को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. उन्हें सीबीआई के मामले में पहले ही नियमित जमानत मिल चुकी थी.

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Last Updated : Oct 19, 2024, 2:25 PM IST

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