नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के पुराने नेता और केजरीवाल सरकार में मंत्री रह चुके सत्येंद्र जैन शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं. इससे आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है. शुक्रवार रात को जब सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल से बाहर आए, उस समय अरविंद केजरीवाल के अलावा पार्टी के पहले पंक्ति के नेता मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह, मुख्यमंत्री आतिशी सभी स्वागत करने के लिए जेल के बाहर जुटे. चर्चा थी अरविंद केजरीवाल भी जाएंगे, लेकिन वह नहीं गए. सत्येंद्र जैन ने उनके घर जाकर मुलाकात की.
सत्येंद्र जैन से मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए अरविंद केजरीवाल ने लिखा "वेलकम बैक सत्येंद्र!". इसके कई मायने बताए जा रहे हैं. दरअसल, सत्येंद्र जैन को सशर्त जमानत मिली है और उनपर चल रहे मुकदमे को लेकर किसी से बात नहीं कर सकते. इससे पहले भी जब स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी तब उन्होंने अलग-थलग होकर ही स्वास्थ्य लाभ लिया था.
तंज नहीं कर सकेंगे नेता: वहीं इस बार राउज एवेन्यू कोर्ट से जिन शर्तों पर उन्हें जमानत मिली है, इसका नाता सिर्फ केस से ही जुड़ा हुआ है. वह आम आदमी पार्टी के नेताओं से मिलने के साथ ही पार्टी की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने पुराने साथी के जेल में होने से जो तंज आम आदमी पार्टी के नेताओं को सुनने को मिलता, वह अब नहीं होगा. उधर, सत्येंद्र जैन ने भी जेल से बाहर आने के बाद जिस तरह जोश दिखाते हुए दिल्ली सरकार के कामों में तेजी लाने की बात कही और अरविंद केजरीवाल के प्रति अपना आभार जताया, इसके कई मायने हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले अरविंद केजरीवाल को बदनाम करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर ऐसा होता तो केजरीवाल कभी जेल नहीं जाते बल्कि पलटी मार जाते.
नेताओं का बढ़ा आत्मविश्वास: सत्येंद्र जैन केजरीवाल सरकार में मनीष सिसोदिया के बाद तीसरे नंबर के मंत्री थे. इन्हें सबसे प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी मिली थी. जिन विभागों की उन्हें जिम्मेदारी मिली थी वह विभाग वर्तमान में मुख्यमंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के पास है, जबकि सत्येंद्र जैन अकेले इन विभागों को देख रहे थे. दिल्ली शराब घोटाले में नामजद अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और उनके करीबियों के जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद सत्येंद्र जैन इकलौते पार्टी के नेता थे, जो मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य मामले में जेल में बंद थे. ऐसे में उनकी जमानत के बाद पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास बढ़ गया है.