चमोली:जिले में3K आउटलेट का संचालन शुरू किया है. जिसके उद्देश्य जिले के काश्तकारों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराना है. पहाड़ी क्षेत्र में उत्पादित होने वाले कृषि और उद्यान के उत्पादों को बेहतर बाजार देने का कार्य किया जा रहा है. विभागों की ओर से शुरू की गई मुहिम से काश्तकारों को सहूलियत मिलेगी.
पहाड़ी क्षेत्रों के जैविक उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग रहती है. लेकिन वर्तमान तक इन उत्पादों को बाजारों तक पहुंचाने के लिये काश्तकारों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है. वहीं बाजारों की मांग के अनुरूप पैकेजिंग की व्यवस्था न होने से भी उत्पादों का विपणन चुनौती बना हुआ था. जिसे देखते हुए राज्य सरकार की पहल पर चमोली में कृषि व उद्यान विभाग की ओर से 3K आउटलेट का संचालन शुरू किया गया है.जिनके माध्यम से पहाड़ी क्षेत्रों में पैदा होने वाला मंडुवा, दालें, फल, सब्जी, स्थानीय मसालों के साथ ही दालों से बनने वाले अन्य उत्पाद और जूस जैसे उत्पादों का विपणन किया जा रहा है.
उद्यान विभाग के सहायक विकास अधिकारी रघुवीर सिंह राणा ने कहा कि उद्यान विभाग की ओर से जिले के ग्वाड़, मैठाणा और जोशीमठ में तीन 3 के आउटलेट खोले गए हैं. जिनके माध्यम से कलस्टर के गांवों में पैदा होने वाली कृषि व उद्यान की पैदावार और उनसे बनने वाले उत्पादों का विपणन किया जा रहा है. दूसरी ओर कृषि विभाग की ओर से मंडल और सोनला में आउटलेट का संचालन शुरू किया गया है. साथ ही रौली-ग्वाड़,गोपेश्वर,पठियालधार, हाट, कुजौं मैकोट सहित 23 स्थानों पर आउटलेट स्थापित करने की कार्रवाई गतिमान है.
ग्वाड़ गांव में 3K आउलेट का संचालन कर रहे तेजेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से संचालित योजना के माध्यम जहां ग्रामीणों को अपनी पैदावार को बाजार तक पहुंचाना सुगमता हो रही है. वहीं आउटलेट के संचालन से स्थानीय युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध हो रहा है. ईराणी गांव निवासी मोहन नेगी का कहना है कि कृषि एवं कृषक कल्याण आउलेट चमोली जनपद के कृषि और बागवानी के उत्पादों के विपणन का बेहतर माध्यम बन रहा है. जिसके संचालन से ग्रामीण सुगमता से अपनी फसलों और उत्पादों का विपणन कर सकेंगे. वहीं पहाड़ी उत्पाद के शौकीनों को भी दालें व अन्य उत्पाद आसानी से नजदीकी बाजारों में मिल सकेंगी.
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