अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व 2005 के बाद फिर टाइगरों से आबाद हुआ, लेकिन बाघों की ब्रीड बदलने के प्रयास कम ही रहे. हालांकि पिछले दिनों वन मंत्री संजय शर्मा ने प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों की ब्रीड बदलने के लिए बाहरी राज्य महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सहित अन्य टाइगर रिजर्व से बाघिनों के पुनर्वास की उम्मीद जगाई है. इनमें एक बाघिन सरिस्का में लाने के प्रयास हैं.
सरिस्का समेत प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व इन दिनों टाइगरों से आबाद हो रहे हैं. लेकिन ज्यादातर टाइगर रिजर्व में रणथंभोर से बाघों को शिफ्ट किया गया है. यानी प्रदेश के टाइगर रिजर्व में रणथंभोर के बाघों का कुनबा फल फूल रहा है. वर्तमान में टाइगर रिजर्व सरिस्का में 42 बाघ, बाघिन व शावक है. इन सभी बाघों में रणथंभोर के टाइगर रिजर्व जीन है. लंबे समय से सरिस्का समेत प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में बाघों में इन ब्रिडिंग की समस्या से उबरने के लिए बाहरी प्रदेशों के टाइगर रिजर्व से बाघों को लाने की जरूरत जताई जाती रही, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया. इस कारण सरिस्का सहित प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व बाघों में इन ब्रिडिंग की समस्या से जूझ रहे हैं.