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सरिस्का में बाघों के नस्ल सुधार की आस, ब्रीड बदलने के लिए पहली बार बाहरी राज्य से लाई जा सकती है बाघिन - SARISKA TIGER RESERVE

लंबे समय बाद अब सरिस्का सहित प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में बाघों की ब्रीड बदलने की उम्मीद जगी है.

टाइगर रिजर्व सरिस्का
टाइगर रिजर्व सरिस्का (फोटो ईटीवी भारत अलवर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 21, 2025, 7:12 AM IST

अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व 2005 के बाद फिर टाइगरों से आबाद हुआ, लेकिन बाघों की ब्रीड बदलने के प्रयास कम ही रहे. हालांकि पिछले दिनों वन मंत्री संजय शर्मा ने प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों की ब्रीड बदलने के लिए बाहरी राज्य महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सहित अन्य टाइगर रिजर्व से बाघिनों के पुनर्वास की उम्मीद जगाई है. इनमें एक बाघिन सरिस्का में लाने के प्रयास हैं.

सरिस्का समेत प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व इन दिनों टाइगरों से आबाद हो रहे हैं. लेकिन ज्यादातर टाइगर रिजर्व में रणथंभोर से बाघों को शिफ्ट किया गया है. यानी प्रदेश के टाइगर रिजर्व में रणथंभोर के बाघों का कुनबा फल फूल रहा है. वर्तमान में टाइगर रिजर्व सरिस्का में 42 बाघ, बाघिन व शावक है. इन सभी बाघों में रणथंभोर के टाइगर रिजर्व जीन है. लंबे समय से सरिस्का समेत प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में बाघों में इन ब्रिडिंग की समस्या से उबरने के लिए बाहरी प्रदेशों के टाइगर रिजर्व से बाघों को लाने की जरूरत जताई जाती रही, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया. इस कारण सरिस्का सहित प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व बाघों में इन ब्रिडिंग की समस्या से जूझ रहे हैं.

सरिस्का में बंधी बाघों के नस्ल सुधार की आस (फोटो ईटीवी भारत अलवर)

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अब बाघों की ब्रीड बदलने की आस जगी : लंबे समय बाद अब सरिस्का सहित प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में बाघों की ब्रीड बदलने की उम्मीद जगी है. पिछले दिनों अलवर में प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों की ब्रीड बदलने के प्रयास जारी हैं. जल्द ही बाहरी प्रदेशों के टाइगर रिजर्व से बाघिनों का प्रदेश के टाइगर रिजर्व में पुनर्वास कराया जाएगा. सरिस्का में अभी बाघिनों की कमी है, इसलिए प्रयास रहेगा कि बाहरी प्रदेशों से लाई जाने वाली बाघिनों में से कुछ सरिस्का में भी लाई जाए. इससे सरिस्का में बाघिनों की कमी पूरी हो सकेगी और बाहरी प्रदेशों की बाघिनों के आने पर टाइगरों के जीन में बदलाव हो सकेगा, जिससे बाघों की नस्ल में सुधार होगा. अभी महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व से बाघिन लाने के प्रयास अधिकारी स्तर पर किए जा रहे हैं.

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