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वृद्धाश्रम हमारे राष्ट्र की परंपरा नहीं बल्कि पश्चिम की देन: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े - HARIBHAU BAGADE IN UDAIPUR

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि वृद्धाश्रम हमारी परंपरा नहीं, यह पश्चिमी संस्कृति की देन है.

Governor Haribhau Bagde
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े (ETV Bharat Udaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 22, 2025, 4:49 PM IST

उदयपुर: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े शनिवार को उदयपुर के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक महासंघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत की. राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि हमारे देश में ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ एवं सन्यास आश्रम की परंपरा है. वृद्ध आश्रम की नहीं. वृद्धाश्रम पश्चिम की देन है. जहां पर वरिष्ठ नागरिकों को बोझ समझा जाता है. शनिवार को उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक महासंघ के 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में उन्होंने यह बात कही.

स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा धन: राज्यपाल बागड़े ने वरिष्ठ नागरिकों का आह्वान किया कि वे अपने शरीर एवं स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें क्योंकि स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा धन है. राष्ट्र की प्रगति में वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव की महत्वपूर्ण भूमिका है. वरिष्ठ नागरिकों को अपनी शेष आयु देश, धर्म के उपयोग में लगानी चाहिए. देश के विभिन्न हिस्सों और नेपाल से आए वरिष्ठ नागरिकों को संबोधित करते हुए राजपाल बागड़े ने कहा कि सदियों की गुलामी ने हमारी मानसिकता को सीधे तौर पर प्रभावित किया है.

पढ़ें: अलवर में बोले राज्यपाल हरिभाउ बागड़े- छात्राओं को ताकतवर बनने की जरूरत है - GOVERNOR HARIBHAU BAGDE

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने हमारी प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति को नष्ट कर पश्चिमी शिक्षा पद्धति थोपी. जिसके चलते हम अपनी प्राचीन ज्ञान परंपरा से विमुख हो गए. गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भास्कराचार्य ने बारहवीं शताब्दी में ही गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत प्रतिपादित कर दिया था जबकि हमें इसे न्यूटन की देन बताया जाता है. भारत ने ही विश्व को जीरो एवं दशमलव दिया. जिस पर आधुनिक तकनीक टिकी हुई है. इसलिए शिक्षा पद्धति में परिवर्तन की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र सरकार ने नई शिक्षा पद्धति लागू की. जो आने वाले समय में पुरातन भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित करने का कार्य करेगी.

पढ़ें: राज्यपाल बागड़े बोले: सभी राजा एकजुट होकर लड़े होते तो मोहम्मद गोरी बहुत पहले ही पराजित हो जाता - NATIONAL CONFERENCE IN SHAHPURA

अनुभूति का विमोचन: राज्यपाल ने महासंघ की स्मारिका 'अनुभूति' का विमोचन किया और विभिन्न वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया. इस अवसर पर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के वीसी प्रो एस एस सारंगदेवोत, महासंघ अध्यक्ष वी के भडाने सहित अन्य अतिथि उपस्थित रहे. इससे पूर्व राज्यपाल डबोक हवाई अड्डे से सर्किट हाउस पहुंचे. यहां पर गणमान्य लोगों ने उनसे भेंट की. आगमन एवं प्रस्थान के समय जिला कलेक्टर नमित मेहता सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे.

उदयपुर: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े शनिवार को उदयपुर के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक महासंघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत की. राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि हमारे देश में ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ एवं सन्यास आश्रम की परंपरा है. वृद्ध आश्रम की नहीं. वृद्धाश्रम पश्चिम की देन है. जहां पर वरिष्ठ नागरिकों को बोझ समझा जाता है. शनिवार को उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक महासंघ के 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में उन्होंने यह बात कही.

स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा धन: राज्यपाल बागड़े ने वरिष्ठ नागरिकों का आह्वान किया कि वे अपने शरीर एवं स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें क्योंकि स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा धन है. राष्ट्र की प्रगति में वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव की महत्वपूर्ण भूमिका है. वरिष्ठ नागरिकों को अपनी शेष आयु देश, धर्म के उपयोग में लगानी चाहिए. देश के विभिन्न हिस्सों और नेपाल से आए वरिष्ठ नागरिकों को संबोधित करते हुए राजपाल बागड़े ने कहा कि सदियों की गुलामी ने हमारी मानसिकता को सीधे तौर पर प्रभावित किया है.

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उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने हमारी प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति को नष्ट कर पश्चिमी शिक्षा पद्धति थोपी. जिसके चलते हम अपनी प्राचीन ज्ञान परंपरा से विमुख हो गए. गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भास्कराचार्य ने बारहवीं शताब्दी में ही गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत प्रतिपादित कर दिया था जबकि हमें इसे न्यूटन की देन बताया जाता है. भारत ने ही विश्व को जीरो एवं दशमलव दिया. जिस पर आधुनिक तकनीक टिकी हुई है. इसलिए शिक्षा पद्धति में परिवर्तन की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र सरकार ने नई शिक्षा पद्धति लागू की. जो आने वाले समय में पुरातन भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित करने का कार्य करेगी.

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अनुभूति का विमोचन: राज्यपाल ने महासंघ की स्मारिका 'अनुभूति' का विमोचन किया और विभिन्न वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया. इस अवसर पर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के वीसी प्रो एस एस सारंगदेवोत, महासंघ अध्यक्ष वी के भडाने सहित अन्य अतिथि उपस्थित रहे. इससे पूर्व राज्यपाल डबोक हवाई अड्डे से सर्किट हाउस पहुंचे. यहां पर गणमान्य लोगों ने उनसे भेंट की. आगमन एवं प्रस्थान के समय जिला कलेक्टर नमित मेहता सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे.

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