रांची: हजारीबाग लोकसभा सीट पर कुल 17 बार मतदान हुए. इसमें 7 बार बीजेपी, 2 बार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, 3 बार भारतीय कांग्रेस पार्टी, 2 बार छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी, 1 बार जनता पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निर्दलीय ने जीत हासिल की है.
हजारीबाग की लोकसभा सीट कभी कांग्रेस के दबदबे की सीट रही ही नहीं. 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में इस लोकसभा सीट का नाम हजारीबाग वेस्ट था. यहां से रामनारायण सिंह छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी से जीत हासिल की थी. 1952 के लोकसभा चुनाव में रामनारायण सिंह को कुल 57 फीसदी वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर झानी राम थे, जो भारतीय कांग्रेस से चुनाव लड़े थे. इन्हें कुल 35.5 फीसदी वोट मिले थे. सोशलिस्ट पार्टी के शिव मंगल प्रसाद को 7.5 फीसदी वोट मिले थे.
1952 में दोबारा हुए चुनाव
1952 में ही यहां दोबारा लोकसभा चुनाव हुए. 1952 में हुए इस चुनाव में इस लोकसभा सीट का नाम पलामू कम हजारीबाग कम रांची लोकसभा सीट रखा गया. इस बार यहां से कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की. यहां से जीतन खरवार ने जीत दर्ज की. कांग्रेस को कुल 38 फीसदी वोट मिले. जबकि जनता पार्टी को 15.2, झारखंड पार्टी को 15 फीसदी और छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी को 11 फीसदी वोट मिले.
1957 में ललिता रजिया लक्ष्मी ने दर्ज की जीत
1957 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग सीट से एक बार फिर छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी की ललिता रजिया लक्ष्मी ने जीत दर्ज की. 1957 के चुनाव में छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी को 78 हजार वोट के साथ लगभग 67.7 फीसदी, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 24.01 फीसदी और झारखंड पार्टी को 8.2 फीसदी वोट मिले.
1967 में निर्दलीय प्रत्याशी की हुई जीत
1967 के लोकसभा चुनाव में यहां से इंडिपेंडेंस प्रत्याशी बी सिंह ने दिए दर्ज की. इन्हें कुल 41.6 फीसदी वोट मिले. जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस के डी पांडे को 31.8 फीसदी वोट मिले. भारतीय जनसंघ के खाते में 13.1 फीसदी वोट आए थे, जबकि कांग्रेस पार्टी ऑफ इंडिया को 6.6 फीसदी वोट मिले.
1971 में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत
1971 के चुनाव में हजारीबाग से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दामोदर पांडे विजयी हुए. इन्हें कुल 31.9 फीसदी वोट मिले. जबकि जनता पार्टी यहां दूसरे स्थान पर रही. इन्हें 25.7 फीसदी वोट मिले. भारतीय जनसंघ 17.3 फीसदी वोट के साथ तीसरे स्थान पर थी.
1977 में भारतीय लोकदल ने दर्ज की जीत
1977 के लोकसभा चुनाव में यह सीट भारतीय लोकदल के खाते में चली गई. जहां पर कुमार बसंत नारायण सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. इन्हें कुल 63 फीसदी वोट मिले थे. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दामोदर पांडे को महज 15.02 फीसदी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 12.1 फीसदी वोट मिले थे.
1980 में जीती जनता पार्टी
1980 के लोकसभा चुनाव में यह सीट जनता पार्टी के हिस्से चली गई. कुंवर बसंत नारायण सिंह लोकदल से जनता पार्टी के हिस्सा बन गए. इन्हें कुल 34.2 फीसदी वोट मिले, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते में 23.7 फीसदी वोट मिले थे. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 18.5 फीसदी वोट मिले. जबकि जनता पार्टी को कुल 10 फीसदी वोट मिले थे.
1984 में कांग्रेस ने दर्ज की जीत
1984 के लोकसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. यहां से दामोदर पांडे विजय हुए. इन्हें कुल 46.4 फीसदी वोट मिले. जबकि दूसरे नंबर पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया रही, जिसे कुल 30.6 फीसदी वोट मिले. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतारा था, लेकिन उन्हें सिर्फ 6.9 फीसदी वोट भारतीय जनता पार्टी को मिले थे, जबकि 4.8 फीसदी बोर्ड झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिले थे.
1989 में बीजेपी ने दर्ज की जीत
1989 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग सीट से भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की. भारतीय जनता पार्टी को कुल 42.8 फीसदी वोट मिले. जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 34.8 फ़ीसदी और इंडियन नेशनल कांग्रेस को 11.3 फीसदी वोट मिले.
1991 में सीपीआई के खाते में गई हजारीबाग सीट
1991 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर यह सीट कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के खाते में चली गई. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को यहां 33.7 फीसदी वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी 28.5 की वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही. इसके अलावा 12.7 फीसदी वोट हासिल कर निर्दलीय प्रत्याशी टेकलाल महतो तीसरे स्थान पर थे. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चौथे स्थान पर चली गई.