पलामू:झारखंड में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. फिलहाल झारखंड के पलामू प्रमंडल में नौ विधानसभा सीटें हैं. लेकिन आजादी के समय जब झारखंड अलग राज्य नहीं था, उस समय पलामू जिले में अलग ही तरह की स्थिति थी. आजादी के बाद जब पहला विधानसभा चुनाव हुआ था, तो पलामू से आठ विधायक चुने गए थे.
गौर करने वाली बात ये है कि इन आठ विधायकों में छह विधायक तीन सीटों से चुने गए थे. उस समय तीन विधानसभा सीटों पर दो-दो विधायक चुने गए थे. जबकि उस समय पलामू में कुल पांच विधानसभा सीटें हुआ करती थीं, जो अब नौ विधानसभा सीटें हो चुकी हैं.
आजादी के पहले जब 1937 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ, तब पलामू पश्चिमी साधारण और पलामू पूर्वी साधारण नाम से विधानसभा सीटें थीं. 1946 में जब चुनाव हुए, तो उत्तरी छोटानागपुर विधानसभा सीट जुड़ गई. आजादी के बाद 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक विधानसभा चुनाव हुए. आजादी के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव था.
उस समय पलामू में लेस्लीगंज सह छत्तरपुर, हुसैनाबाद सह गढ़वा, लातेहार सह मनातू विधानसभा क्षेत्र थे, जहां से दो-दो विधायक चुने गए. इसके अलावा डाल्टनगंज और नगर उंटारी विधानसभा सीट से एक-एक विधायक चुने गए.
"आजादी के बाद पहले चुनाव में दो विधायक चुने गए थे. एक सामान्य विधायक जबकि दूसरा रिजर्व विधायक चुने गए थे. आजादी से पहले विधानसभा सीटों के नाम अलग-अलग थे. आजादी से पहले 1937 और 1946 में भी चुनाव हुए थे, 1946 के चुनाव में नया नाम उत्तरी छोटानागपुर जोड़ा गया. आजादी के बाद पहले चुनाव में ज्यादातर स्वतंत्रता सेनानी ही चुनाव लड़े थे."- प्रभात मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार
पहले चुनाव में कौन-कौन हुए थे निर्वाचित