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'बिहार में बहार है, बिना मांझी सब बेकार है'- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने पोस्टर लगाकर NDA को दिखाये 'तेवर'

Bihar Political Crisis लंबे समय से कयास लगाये जा रहे थे कि खरमास के बाद बिहार की राजनीति में कुछ उलटफेर होगा. अब यह सही साबित होने वाला है. जो हालात बन रहे हैं उससे लग रहा है कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने वाली है. राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज है. लेकिन, इस वक्त जो राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं उसमें जीतन राम मांझी के विधायकों का महत्व बढ़ गया है. एनडीए सरकार बनाने में तो यह संख्या ज्यादा मायने नहीं रखती है, लेकिन गणित बिगाड़ने में यह संख्या महत्वपूर्ण हो सकती है. इसी का एहसास हम ने पोस्टर लगाकर कराया है. पढ़ें, विस्तार से.

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 27, 2024, 10:14 PM IST

Updated : Jan 28, 2024, 6:32 AM IST

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का पोस्टर वार.

पटना: बिहार में जिस तरह के राजनीतिक हालात बन रहे हैं, उसमें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के चार विधायकों का महत्व बढ़ गया है. 'हम' के नेता जान रहे हैं कि भले ही एनडीए में रहने पर उनकी संख्या बहुत असर नहीं डालेगी, लेकिन यही संख्या अगर महागठबंधन के साथ जुड़ जाए तो एनडीए की नींद उड़ सकती है. हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा ने एक पोस्टर लगाकर एनडीए को यह एहसास दिलाने का प्रयास किया है. पोस्टर के माध्यम से एनडीए को यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के बिना बिहार में कुछ भी नहीं हो सकता है. 'बिहार में बहार है, बिना मांझी सब बेकार है' लिखा हुआ एक पोस्टर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने लगाया है.

पोस्टर लगाकर दवाब बनाने की कोशिशः हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास चार विधायक हैं. सूत्रों से यह खबर आ रही है कि राष्ट्रीय जनता दल ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से समर्थन करने के लिए सौदेबाजी की थी. फिलहाल तो हम ने इस ऑफर को ठुकरा दिया. लेकिन, इसके बाद हम पार्टी ने पोस्टर लगाकर बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश की है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रंजन चंद्रवंशी ने यह पोस्टर लगाया है. पोस्टर लगाने के साथ ही उन्होंने यह मैसेज देने की कोशिश की है कि बिहार में सत्ता के खेल में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का अहम रोल होगा. उसे नजरअंदाज कर कोई सरकार नहीं बना सकता है.

सम्राट चौधरी ने की मांझी से मुलाकात: बता दें कि हम के विधायकों की अहमियत भाजपा को भी पता है. ऐसे मेंबिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी आज शनिवार 27 जनवरी को बिहार के पूर्व सीएम और हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी के आवास उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे. करीब आधे घंटे तक जीतन राम मांझी और सम्राट चौधरी के बीच बातचीत हुई. हालांकि बातचीत में क्या हुआ ये नहीं बताया गया है. सम्राट चौधरी मीडिया से बचते नजर आए, लेकिन जिस तरह से बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है, उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सम्राट चौधरी बीजेपी की तरफ से जीतन राम मांझी को आश्वासन देने पहुंचे थे.

क्या है समीकरणः बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. बीजेपी के पास 78 विधायक हैं. JDU के 45 विधायक हैं. नीतीश अगर एनडीए के साथ मिलकर सरकार बनाते हैं तो जदयू और भाजपा के विधायकों की संख्या से सरकार बन जाएगी. वहीं महागठबंधन में राजद के पास 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक हैं. कुल संख्या 114 हो रहा है, जो बहुमत से 8 विधायक कम है. ऐसे में अगर मांझी एनडीए में तवज्जो नहीं मिलने के बाद महागठबंधन में आ जाएं तो फिर समीकरण बदल सकता है.

'हम' के विधायकः हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के पास 4 विधायक हैं. जिसमें जीतन राम मांझी के अलावा अनिल सिंह, प्रफुल मांझी और ज्योति मांझी हैं. चारों विधायक बैठक कर आपसी सहमति के बाद एनडीए में जाने का फैसला लिया. इस बैठक में हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन भी मौजूद रहे.

Last Updated : Jan 28, 2024, 6:32 AM IST

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