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युवा ये काम कर लें तो हो जाएंगे मालामाल, सरकार देगी सब्सिडी, अब तक इतने लोगों ने उठाया लाभ - Himachal Fish Farming

Sukhu Govt Is Giving Subsidy For Fish Farming: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार मत्स्य पालन और युवाओं को स्वरोजगार से जुड़ने के लिए बढ़ावा दे रही है. इसके लिए सरकार मत्स्य क्षेत्र में 22 करोड़ 66 लाख रुपये से अधिक की राशि विभिन्न परियोजनाएं में खर्च करेगी. वहीं, मछली पालन से जुड़ने वाले युवाओं को सब्सिडी देगी.

हिमाचल में मछली पालन
हिमाचल में मछली पालन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 12, 2024, 8:00 AM IST

शिमला:हिमाचल में बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार शुरू करने का सुनहरा अवसर है. जिसे अपनाकर युवाओं अपनी बेरोजगारी को दूर कर सकते हैं. साथ ही उन्हें सरकारी नौकरी के पीछे भागने की जरूरत नहीं होगी. मत्स्य पालन से जुड़कर प्रदेश में 20 हजार से अधिक परिवार विभिन्न जलाशयों, नदियों एवं तालाबों में मछली पालन का काम कर रहे हैं. प्रदेश सरकार भी मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दे रही है. जिसके तहत मत्स्य विभाग की ओर से जनवरी 2023 से जून 2024 तक 682 युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं. इस अवधि में प्रदेश में 21022.62 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो चुका है.

सरकार खर्च कर रही 22 करोड़:प्रदेश सरकार की ओर से मत्स्य क्षेत्र में 22 करोड़ 66 लाख रुपये से अधिक की राशि विभिन्न परियोजनाएं में खर्च करेगी. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 258 नए ट्राउट यूनिट, 20 मत्स्य कियोस्क, 6 लघु एवं बड़े मत्स्य आहार संयंत्र, 47 बायोफलॉक यूनिट, दो कोल्ड स्टोर, दो बर्फ के कारखाने, चार पुनः जलीय कृषि प्रणाली, दो सजावटी मछली यूनिट और चार कार्य एवं ट्राटट हैचरी निजी क्षेत्र में स्थापित की गई है.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2024-25 बजट भाषण में कहा था कि मत्स्य क्षेत्र को विस्तार प्रदान करने के लिए 25 हेक्टेयर क्षेत्र में नए तालाब निर्मित किए गए हैं. मत्स्य जीवियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के 428 मत्स्य जीवियों को नाव एवं जाल खरीदने के लिए सब्सिडी दी जा चुकी है. इसके अतिरिक्त मत्स्य व्यापार के लिए एक वातानुकूलित वाहन, आइस बॉक्स सहित 174 मोटर साइकिल और आइस बॉक्स सहित 10 थ्री-व्हीलर मत्स्य कृषकों एवं उद्यमियों को दिए गए हैं.

मछली पालकों के लिए ये योजना:जलाशय मछली दोहन में लगे मछुआरों के आर्थिक उत्थान और सुरक्षा निधि के लिए आरंभ की गई कल्याणकारी योजनाओं के तहत मछुआरों को जीवन सुरक्षा निधि के अंतर्गत लाया गया है. इस योजना के अंतर्गत स्थायी दिव्यांगता में संतप्त परिवार को पांच लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है. वहीं, प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावित मछुआरों के लिए आपदा कोष योजना के अंतर्गत उपकरणों के नुकसान की भरपाई के लिए कुल लागत का 50 फीसदी प्रदान किया जाता है. रिस्क फंड योजना के अंतर्गत अभी तक 94 मछुआरों को 3 लाख 43 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है.

मत्स्य आखेट बंद सीजन के दौरान सरकार की ओर से 4500 रुपये की दर से राशि पारंपरिक मछुआरों के परिवारों के लिए आजीविका और पोषण संबंधी सहायता के लिए प्रदान की जाती है. जिसके तहत जनवरी, 2023 से माह जून, 2024 तक 2675 सक्रिय जलाशय महागिरों को दो माह के बंद आखेट मत्स्य सीजन के दौरान 1 करोड़ 20 लाख से अधिक की राशि वित्तीय सहायता सहायता के रूप में प्रदान की गई है.

नदी मत्स्य पालन कार्यक्रम के अंतर्गत मत्स्य जैव विविधता को कायम रखने के उद्देश्य से प्रदेश की 32 विभिन्न नदी नालों में मत्स्य विभाग की ओर से 44 लाख रुपये से अधिक की लागत से 15 लाख 43 हजार स्वदेशी मछली प्रजाति की उन्नत मछलियों का संग्रह किया गया. विभाग ने जनजातीय क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत तीन करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं.

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