हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

रामपुर वन्य प्राणी संरक्षण विभाग करेगा जाजुराना की गणना, इन 10 विधियों से 15 मई तक की जाएगी गिनती - Jajurana Counting in Himacha - JAJURANA COUNTING IN HIMACHA

हिमाचल की राज्य पक्षी जाजुराना की गणना वन्य प्राणी संरक्षण विभाग द्वारा किया जाएगा. इसे लेकर टीम का गठन किया जाना है. इसकी गिनती 15 मई तक कर लेने की बात कही जा रही है. इसकी गिनती के लिए अलग-अलग विधियां अपनाई जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

Jajurana Counting
रामपुर वन्य प्राणी संरक्षण विभाग करेगा जाजुराना की गणना

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 1, 2024, 5:10 PM IST

रामपुर: शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में वन्य प्राणी संरक्षण विभाग द्वारा राज्य पक्षी जाजुराना की गणना की जाएगी. इसके बाद वाइल्ड लाइफ सेंचुरी दारनघाटी सराहन से लेकर काशापाठ तक जाजुराना की संख्या पता चल पाएगी. वन मंडल अधिकारी सराहन अशोक नेगी ने बताया कि इस साल पहली बार इनकी गणना होने जा रही है. उन्होंने बताया कि 15 मई तक इनकी गिनती कर दी जाएगी. इस कार्य को करने के लिए टीमें गठीत की जाएगी.

वन मंडल अधिकारी सराहन अशोक नेगी ने बताया कि टीमें ऊंचाई तक जाकर विभिन्न विधियों द्वारा जाजुराना की मौजूदगी के आंकड़े एकत्रित करेंगी. शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के सराहन में विश्व भर में राज्य पक्षी जाजुराना का एक मात्र प्रजनन केंद्र मौजूद हैं, जहां इसकी संख्या 45 है. समय-समय पर इन पक्षियों को जंगलों में भी छोड़ा जा रहा है. 2020 में जंगल में 6 जाजुराना छोड़े गए थे. अब देखना यह होगा कि वे कितने सुरक्षित है और उनका कुनबा कितना बढ़ा है.

परिंदों की गणना के लिए अपनाई जाएंगी ये विधियां

  1. कॉल काउंट विधि
  2. आवाज
  3. स्कैनिंग विधि
  4. साइलेंट ड्राइव काउंट
  5. उड़ते हुए पक्षियों की गिनती
  6. मलमूत्र
  7. गिरे हुए पंख
  8. पक्षी द्वारा की गई खुदाई
  9. कैमरे और दुरवीन और
  10. किसी विशेष स्थान की निगरानी आदि कई तकनीकों को अपनाया जाता है.

दुर्लभ प्रजाति का पक्षी जाजुराणा दुनिया भर से विलुप्त होने के कगार पर है. इन्हें बचाने के लिए वन्य प्राणी संरक्षण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

क्या होता है वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एक जंगली इलाका होता है. जहां वन्यजीवों को उनके अनुकूल माहौल देने के साथ सुरक्षा भी प्रदान की जाती है. जिससे वन्यजीव एक बेहतर प्राकृतिक माहौल में जीवन जी सके. यहां इस बात का ध्यान रखा जाता है कि लोगों के गतिविधियों से उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो. उनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग की ओर से वन रक्षकों को भी तैनात किया जाता है. जिससे कोई भी व्यक्ति वन्यजीवों का शिकार न कर सके. भारत में फिलहाल 567 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं. जिनमें से दानघाटी भी एक है.

क्या है वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972
वन्यजीव संरक्षणअधिनियम 1972 भारत में एक महत्वपूर्ण कानून है, जो देश के वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण पर आधारित है. इसका प्राथमिक उद्देश्य वन्यजीव प्रजातियों के प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करना. साथ ही उनके अवैध शिकार और व्यापार से उन्हें बचाना. प्रभावी आवास प्रबंधन के साथ-साथ जानवरों और पौधों की सुरक्षा के लिए एक कानूनी ढांचा स्थापित करना इसके ही अंतर्गत आता है. साथ ही यह वन्य जीवन और संबंधित उत्पादों के व्यापार को भी नियंत्रित करता है.

ये भी पढ़ें:ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में होगी जाजुराना की गणना, वन्य प्राणी संरक्षण विभाग द्वारा गठित की जाएगी टीम

ABOUT THE AUTHOR

...view details