हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल में माननीयों की पेंशन पर संकट! पूर्व विधायकों की पेंशन को लेकर संशोधन बिल की तैयारी, जानिए किसे होगा सबसे अधिक नुकसान - ex mlas pension amendment bill

EX MLA's pension amendment bill: हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों के लिए पेंशन को लेकर संशोधन विधेयक लाए जाने की तैयारी है. यदि ये बिल विधानसभा में पारित हो गया तो इसका कुछ पूर्व विधायकों को नुकसान होगा. डिटेल में पढ़ें खबर...

पूर्व विधायकों की पेंशन को लेकर संशोधन बिल की तैयारी
पूर्व विधायकों की पेंशन को लेकर संशोधन बिल की तैयारी (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 26, 2024, 7:54 PM IST

शिमला:एक दिन के लिए भी यदि कोई विधायक बन जाता है तो पेंशन का हकदार हो जाता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों के लिए पेंशन को लेकर संशोधन विधेयक लाए जाने की तैयारी है. यदि ये बिल विधानसभा में पेश होकर पारित होता है तो पहली बार विधायक बनकर आए चैतन्य शर्मा व देवेंद्र कुमार भुट्टो को बड़ा नुकसान होगा.

ये दोनों अब विधायक नहीं हैं. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद इन्हें कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया था. बाद में देवेंद्र भुट्टो व चैतन्य शर्मा उपचुनाव हार गए. दरअसल, हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में सरकार की तरफ से पूर्व विधायकों की पेंशन को लेकर एक संशोधन विधेयक लाया जाना प्रस्तावित है.

इसमें एक संशोधन कर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि कम से कम एक साल विधायक के तौर पर कार्यकाल की अवधि हो. वहीं, देवेंद्र भुट्टो व चैतन्य शर्मा इस संशोधन विधेयक के पास होने के बाद सबसे अधिक घाटे में रहेंगे. उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी. वहीं, सुधीर शर्मा, आशीष शर्मा व इंद्रदत्त लखनपाल चुनाव जीत गए हैं.

बाकी होशियार सिंह, केएल ठाकुर को भी एक टर्म की पेंशन का नुकसान होगा. साधारण शब्दों में कहें तो कांग्रेस से निष्कासित छह विधायकों और तीन निर्दलीयों की एक टर्म की पेंशन पर खतरा है. इनमें से चैतन्य शर्मा व देवेंद्र भुट्टो चूंकि पहली बार विधायक बने थे, लिहाजा वे पेंशन के हक से वंचित हो जाएंगे. यदि विधेयक पास हो गया तो चैतन्य शर्मा ने गगरेट से चुनाव लड़ा था और देवेंद्र भुट्टो ने कुटलैहड़ से वे दोनों पहली बार विधायक बने थे, लेकिन राज्यसभा चुनाव वाले पचड़े के कारण बाद में हुए उपचुनाव में वे हार गए थे.

90 हजार से अधिक है पेंशन

एक बार विधायक बनने के बाद 90 हजार रुपये से अधिक मासिक पेंशन तय हो जाती है. पूर्व विधायकों को 90 हजार रुपये से अधिक पेंशन मिलती है. राज्यसभा चुनाव के बाद अयोग्य करार हुए कांग्रेस के छह विधायकों का वेतन भी बंद कर दिया गया था. उनमें से सुधीर शर्मा व इंद्र दत्त लखनपाल जीत कर आ गए हैं तो उनका वेतन बहाल हो गया.

वर्ष 2022 से शुरू हुए नए कार्यकाल की पेंशन 93 हजार रुपये के करीब बनती है. इसमें से 36 हजार बेसिक व 159 प्रतिशत महंगाई भत्ता जुड़ता है. ये कुल मिलाकर 93 हजार रुपये के करीब बनती है. ऐसे में विधेयक पारित होने के बाद देवेंद्र भुट्टो व चैतन्य शर्मा को पेंशन न मिलने से 93 हजार रुपये का नुकसान हो सकता है.

क्या होगा संशोधन ?

पूर्व विधायक पेंशन संशोधन विधेयक में हिमाचल सरकार की ओर से 2022 में चुनाव जीते 9 सदस्यों के कम से कम एक साल के कार्यकाल को अवैध घोषित करना प्रस्तावित है. इन सदस्यों के कार्यकाल को अवैध घोषित करने को लेकर सुक्खू कैबिनेट में चर्चा हो चुकी है और मंगलवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में अगर ये विधेयक पास होता है तो पूर्व में निष्कासित हुए कांग्रेस के छह विधायकों व तीन निर्दलीय विधायकों की एक टर्म की पेंशन ऑटोमेटिकली खत्म हो जाएगी.

इस विधेयक के पास होने से सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, होशियार सिंह, केएल ठाकुर, रवि ठाकुर आदि को खास फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये सभी एक से अधिक बार विधायक रह चुके हैं लेकिन पहली बार एमएलए बने देवेंद्र भुट्टो व चैतन्य शर्मा की पेंशन खत्म हो जाएगी. इस समय सदन में कांग्रेस के 40 और भाजपा के 28 एमएलए हैं. संख्या बल कांग्रेस के पास है, लेकिन विधेयक को पारित करवाने से पहले उसे विपक्ष के विरोध का सामना करना होगा.

ये भी पढ़ें:मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक को कितनी सैलरी मिलती है ? 20 हजार टेलीफोन भत्ता समेत कौन से भत्ते मिलते हैं

ये भी पढ़ें:हिमाचल प्रदेश में CPS को कितना वेतन और भत्ता मिलता है ?

ABOUT THE AUTHOR

...view details