शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव इस बार दिलचस्प होने वाला है. कांग्रेस और बीजेपी की ओर से उतारे गए उम्मीदवार भी इसकी एक वजह हैं. इस बार कांग्रेस और बीजेपी के कुछ खास चेहरे सियासी रण में है. साथ ही बीते लोकसभा चुनाव के नतीजे और मौजूदा सियासी हालात भी इस बार के आम चुनाव में दिलचस्पी बढ़ा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में कुल चार लोकसभा सीटें हैं. शिमला, हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा चारों ही सीटें 2014 और फिर 2019 में भी बीजेपी के पास थीं. इस बार भी बीजेपी क्लीन स्वीप का दावा कर रही है. लेकिन सवाल है कि क्या बीजेपी 4-0 की हैट्रिक लगा पाएगी ? या कांग्रेस इस बार बीजेपी का विजय रथ रोक देगी ? हिमाचल में 1 जून को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मतदान होना है. वोटिंग से पहले जानते हैं हिमाचल की चारों सीटों का समीकरण और किस सीट पर किसका पलड़ा भारी है. हर सीट पर दोनों दलों की ताकत और कमजोरी क्या है ?
मंडी लोकसभा सीट
हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट इस वक्त देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है और इसकी वजह है बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत. फिल्मी पर्दे की 'क्वीन' को बीजेपी ने टिकट दिया तो छोटे से पहाड़ी राज्य को आम चुनाव की हेडलाइन बना दिया. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने कंगना को टक्कर देने के लिए हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को मैदान में उतारा है. जिसकी वजह से मंडी की जंग सबसे दिलचस्प सियासी जंग साबित हो सकती है. सियासी जानकार मानते हैं कि कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को टिकट देकर मंडी की जंग को दिलचस्प बना दिया है और अब इस सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.
कंगना रनौत जानी-मानी फिल्म स्टार हैं और सियासत के मैदान में डेब्यू कर रही हैं. उन्हें इन चुनावों में मोदी मैजिक और बीजेपी के कैडर का सहारा है. ये बात खुद कंगना भी मानती हैं. इन दिनों वो चुनाव प्रचार में एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं और उन्हें हिमाचल के बीजेपी नेताओं का भी साथ मिल रहा है. जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आएगी बीजेपी के स्टार प्रचारकों का साथ भी उन्हें मिलेगा. जिनमें पीएम मोदी से लेकर जेपी नड्डा, अमित शाह और तमाम केंद्रीय मंत्रियों से लेकर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. कंगना रनौत की रैलियों में भीड़ भी उमड़ रही है. वो ज्यादातर महिलाओं से जुड़े मुद्दे उठाकर आधी आबादी पर निशाना लगा रही हैं. महिलाओं में भी उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ लगी हुई है.
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दूसरी तरफ रामपुर बुशहर रियासत के राजा विक्रमादित्य सिंह लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं और पहली बार लोकसभा के रण में ताल ठोक रहे हैं. शिमला ग्रामीण सीट से विधायक विक्रमादित्य सिंह मौजूदा कांग्रेस सरकार में पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर हैं. वो हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. वीरभद्र सिंह 6 बार हिमाचल के सीएम, 4 बार सांसद, केंद्रीय मंत्री रहे. विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह मौजूदा समय में मंडी से सांसद हैं. 2021 में बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद उन्होंने उपचुनाव जीता था. वो तीसरी बार मंडी से सांसद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं. वीरभद्र सिंह भी मंडी लोकसभा सीट से 3 बार संसद पहुंचे हैं. पिता के नाम और उनकी सियासी विरासत विक्रमादित्य सिंह के साथ है. 34 साल के विक्रमादित्य सिंह युवाओं के बीच काफी चर्चित हैं. मौजूदा समय में हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है जिसका फायदा विक्रमादित्य सिंह को मिल सकता है. कांग्रेस के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू समेत राज्य सरकार के मंत्री मंडी में विक्रमादित्य सिंह के लिए वोट मांग रहे हैं और कुछ दिन बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के स्टार प्रचारक भी इस रण में दिखेंगे. कुल मिलाकर मंडी सीट हिमाचल ही नहीं देश की सबसे हॉट सीटों में शुमार है, जहां ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है.
हमीरपुर लोकसभा सीट
हमीरपुर लोकसभा सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्री की साख दांव पर हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर यहां से लगातार 4 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं और पांचवी बार जीत का दावा कर रहे हैं. इससे पहले अनुराग ठाकुर भाजयुमो के अध्यक्ष से लेकर बीसीसीआई अध्यक्ष और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. वो पार्टी के सबसे प्रभावशाली युवा नेताओं में शुमार रहे हैं. अच्छे वक्ता होने के नाते वो देशभर के लगभग हर चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल होते हैं. वो हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं और उनके भाई अरुण धूमल मौजूदा समय में आईपीएल के चेयरमैन हैं.
उधर कांग्रेस ने हमीरपुर लोकसभा सीट से पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को टिकट दिया है. 2017 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में सतपाल रायजादा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती को मात दे चुके हैं. 2022 में वो चुनाव हार गए लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें अनुराग ठाकुर के सामने उन्हें उतारा है. सियासी जानकार मानते हैं कि हमीरपुर के किले में सेंध लगाना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा. 2019 में अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल ठाकुर को करीब 3 लाख वोटों से हराया था. राज्य में कांग्रेस की सरकार का साथ जरूर रायजादा को मिल रहा है. तो वहीं अनुराग ठाकुर के साथ बीजेपी के स्टार प्रचारकों की भारी-भरकम फौज है. सियासी पंडितों की मानें तो हमीरपुर सीट कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होगी.