शिमला:"मुझे आज भी याद है, स्टेज पूरी तरह से सजा था, मेरे टीम मेंबर्स अपनी जगह पर जम गए थे. हमने साउंड चेक की. आवाज की लय देखने के लिए उन गीतों को गुनगुनाया, जिन्हें गाया जाना था. लेकिन अचानक किसी की आवाज आई, बड़े ही बेढंग तरीके से मंच खाली करने को कहा गया. उस रात के सितारे आ गए थे हमें हटाने का आदेश दिया गया. हम सबकी आंखे नम हो गई थी, हम सभी मायूस होकर अपना सामान समेट रहे थे. उस अपमान के बाद मैंने अपने आर्केस्ट्रा से कहा, ठीक है दोस्तों, एक दिन हम कार्यक्रम के सितारे होंगे. लोगों के दिलों में राज करेंगे".
हार्मनी ऑफ द पाइंस बैंड के इंचार्ज विजय कुमार ने एक पुराना किस्सा ईटीवी भारत के साथ साझा किया. विजय कुमार बेहद ही गर्व महसूस करके आगे कहने लगे, आज हमें हिमाचल के साथ-साथ पूरे हिंदुस्तान का प्यार मिलता है. ये मेरी अकेले की मेहनत नहीं, बल्कि पूरी टीम के सहयोग से हम यहां पहुंचे हैं.
सिर पर टोपी... सीने पर मेडल...वर्दी पहने...हिमाचल के पुलिस जवानों ने देश सेवा के साथ-साथ संगीत को भी अपना पैशन बनाया. पूरे हिंदुस्तान के दिलों में हिमाचल पुलिस के ये जवान राज करते है. हर इंसान सुकून की तलाश करता है, इसी तरह हार्मनी ऑफ द पाइंस के इन जवानों को संगीत में सुकून मिलता है.
आज हिमाचल ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग कोने में हार्मनी ऑफ द पाइंस का जलवा देखने को मिलता है. जो आज हिमाचल की शान बन चुकी है, उनके लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था. काफी परेशानियों का डटकर सामना कर इन सभी ने आज करोड़ों लोगों के दिलों में जगह बनाई है. हार्मनी ऑफ द पाइंस बैंड के इंचार्ज विजय कुमार ने बताया जब संजय कुंडू ने पुलिस महानिदेशक का कार्यभार संभाला. उन्होंने हार्मनी ऑफ पाइंस को काफी समर्थन दिया. उनकी हमारे बैंड में विशेष दिलचस्पी थी. डीजीपी ने बैंड के अभ्यास के लिए बेहतरीन उपकरण उपलब्ध कराए.
हार्मनी ऑफ द पाइंस का मकसद क्या था ?
हार्मनी ऑफ द पाइंस हिमाचल पुलिस का शुरू में एक छोटा सा गुलदस्ता था. शुरू में इसमें करीब 7 लोग थे. उस वक्त बैंड छोटे-छोटे पुलिस कार्यक्रमों में परफॉर्मेंस दिया करता था. उस समय हमारे पास अच्छे संगीत उपकरण या साज नहीं थे.
इंस्पेक्टर विजय कुमार पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं, "लोग सोचा करते थे, हमने काफी शोर मचा लिया, अब हमें एक कोने में बैठ जाना चाहिए. सारी रात बीतती है तो अंधेरा होता है. सुबह सूरज निकलता है तो बहुत आनंद आता है. उसी तरह मुश्किल वक्त हमें हमेशा आगे ले जाता है. जब मुश्किल को पार कर जाते है, तो जिंदगी बहुत आसान सी लगती है."
समय का पहिया ऐसा घूमा कि राज्य भर में हार्मनी ऑफ द पाइंस को पहचान मिलने लगी. हार्मनी ऑफ द पाइंस ने ऐसी उड़ान भरी जो आज तक नहीं रुकी. धीरे-धीरे,आखिरकार बैंड को हिमाचल पुलिस का समर्थन मिला. पुलिस प्रशासन ने आर्केस्ट्रा के लिए राज्य भर से गायकों और संगीतकारों की भर्ती करने लगा. ये भर्तियां विज्ञापनों के जरिए की गईं और पुलिस को सैकड़ों आवेदन छांटने पड़े, उम्र की सीमा जैसी शर्त नहीं थी. 'बहुत सारे लोग पाइंस का हिस्सा बनने की ख्वाहिश रखते हैं. ऑडिशन लिया जाता है. फिलहाल आर्केस्ट्रा में आठ पद खाली हैं.