शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचआरटीसी के सेवानिवृत कर्मचारियों को भी महंगाई राहत पाने का हकदार ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि एचआरटीसी से सेवानिवृत कर्मचारी अथवा उनके आश्रित पेंशन के साथ-साथ सरकार की ओर से बढ़ाई गई महंगाई राहत पाने का हक रखते हैं. न्यायाधीश संदीप शर्मा ने याचिकाकर्ता श्रेष्ठा देवी की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश जारी किए.
हाईकोर्ट के आदेश
कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए प्रतिवादियों को निर्देश दिए कि वो 6 सप्ताह के अंदर याचिकाकर्ता को देय और स्वीकार्य महंगाई राहत का भुगतान करें. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि प्रतिवादियों द्वारा 6 सप्ताह के अंदर याचिकाकर्ता को देय और स्वीकार्य महंगाई राहत का भुगतान नहीं किया जाता, तो उस पर देय तिथि से लेकर उसकी वसूली तक 5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देना होगा.
याचिकाकर्ता ने की थी ये मांग
प्रार्थी ने याचिका दायर कर बढ़ी हुई महंगाई राहत और अंतरिम राहत जारी करने के निर्देशों की मांग की थी. याचिकाकर्ता का कहना था कि 7 फरवरी 2015 के कार्यालय ज्ञापन के तहत हिमाचल प्रदेश सरकार के पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगियों को महंगाई राहत 1 जुलाई 2014 से संशोधित की गई थी. इसके बाद हिमाचल प्रदेश सरकार के वित्त विभाग द्वारा 7 मार्च 2021 को जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, हिमाचल प्रदेश सरकार के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की महंगाई राहत को 1 जुलाई 2019 से संशोधित की.
कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड को देखने के बाद कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि 7 फरवरी 2015 और 7 मार्च 2021 के कार्यालय ज्ञापनों को प्रतिवादी परिवहन निगम की तरफ से अपना लिया गया है. इसलिए इन कार्यालय ज्ञापनों के अनुसार प्रार्थी को भी महंगाई राहत मिलनी चाहिए, लेकिन एचआरटीसी की ओर से उसे जारी न करना कानूनन गलत है.