शिमला: एक अरब रुपए से अधिक की बैंक एफडी और एक क्विंटल सोने वाले देवभूमि के सबसे अमीर मंदिर मां चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त पार्किंग की सुविधा नहीं है. हिमाचल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका में मां चिंतपूर्णी मंदिर के पास तलवाड़ा बाईपास रोड पर पार्किंग निर्माण की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई 15 मार्च को होगी, लेकिन हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने इस संबंध में सक्षम प्राधिकारियों को तीन हफ्ते के भीतर एक एक्स्ट्रा डीपीआर भी दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं. खंडपीठ ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी पहले से प्रस्तुत डीपीआर और उसके बाद चार हफ्ते के भीतर पेश की जाने वाली प्रस्तावित अतिरिक्त डीपीआर पर निर्णय लें.
2008 में दिए थे पार्किंग बनाने के निर्देश
याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी जी मंदिर प्रदेश के उच्च आय वाले सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, लेकिन यहां पार्किंग की समस्या निरंतर बनी हुई है. पर्याप्त पार्किंग सुविधा न होने के कारण श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस विभाग ने भी मंदिर प्रशासन से लिखित में पार्किंग बनाने को कहा है. कई ग्राम पंचायतों ने इस आशय के प्रस्ताव भी पारित किए हैं. पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों ने भी इस समस्या को प्रशासन के संज्ञान में लाया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने भी वर्ष 2008 में मंदिर के पास पार्किंग बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक उन आदेशों का पालन नहीं किया गया है.