शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सार्वजनिक शौचालयों में सफाई व्यवस्था एवं अन्य सुविधाओं को लेकर निर्देश पारित किए हैं. अदालत ने इस बारे में नगर निगम शिमला सहित सुलभ इंटरनेशनल सोशल आर्गेनाइजेशन को जरूरी निर्देश जारी किए हैं. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस मामले में एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद एमसी शिमला व सुलभ इंटरनेशनल को सफाई कर्मियों की हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक मशीनों की व्यवस्था करने को कहा है.
मामले में हाईकोर्ट को बताया गया था कि शिमला नगर निगम में सफाई कर्मियों की उपस्थिति और उनकी कार्य करने की टाइमिंग का लेखा-जोखा रखने का कोई कारगर तंत्र नहीं है. ऐसे में बायोमीट्रिक हाजिरी से सफाई कर्मचारियों की संबंधित स्थान पर उपस्थिति सुनिश्चित की जा सकती है. इस पर हाईकोर्ट ने एमसी शिमला प्रशासन को आदेश जारी किए हैं कि वो दो हफ्ते के भीतर इस प्रक्रिया को शुरू करें.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि नगर निगम, शिमला को बायोमेट्रिक मशीनें खरीदने के प्रस्ताव पर विचार के बाद इसे राज्य चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने और सुनवाई की अगली तारीख पर अनुपालना रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश जारी किया गया है. अदालत ने सुलभ इंटरनेशनल सोशल ऑर्गनाइजेशन को भी यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि वो शौचालय सुविधाओं के निशुल्क उपयोग को प्रदर्शित करने वाले नोटिस पर्याप्त संख्या में हिंदी में लगाए. अदालत ने इन सब के लिए दो हफ्ते का समय दिया है.