शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल्लू वन क्षेत्र की भूमि पर किए अवैध कब्जे से जुड़े एक मामले का निपटारा करते हुए वन भूमि को तुरंत खाली करने के आदेश जारी किए है. न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि मंडलीय आयुक्त व कलेक्टर-सह-मंडलीय वन अधिकारी, आनी वन मंडल, लुहरी, जिला कुल्लू के आदेशों से प्रार्थी द्वारा सरकारी वन भूमि पर किए अवैध कब्जे की पुष्टि हो गई है. इसलिए संबंधित तहसीलदार, राजस्व अधिकारियों, डीएफओ सहित अन्य वन अधिकारियों को सरकारी वन भूमि की स्थायी सीमा तय करने के बाद प्रार्थी द्वारा कब्जाई तमाम वन भूमि का कब्जा वापस लेने के निर्देश दिए गए है.
कोर्ट ने उक्त अधिकारियों को इस बाबत 31 अगस्त 2024 तक का समय दिया है. कोर्ट ने मौके से कब्जा वापस लेने के संबंध में अनुपालना शपथ पत्र संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा दाखिल करने के आदेश भी जारी किए है. संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह अगर उक्त भूमि के सीमांकन के दौरान अन्य अतिक्रमणों को मौके पर पाते है तो उन्हें भी समयबद्ध तरीके से वन भूमि से कानून के दायर में रहकर उचित कार्रवाई करके छः माह में हटा दें. कब्जाई वन भूमि पर यदि कोई निर्माण किया गया है तो वह हिमाचल प्रदेश सरकार या वन विभाग में निहित होगा और उसका राज्य सरकार या वन विभाग द्वारा उपयोग किया जाएगा.