शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव को झारखंड हाईकोर्ट का CJ बनने पर शिमला से विदाई दी गई. एक गरिमापूर्ण समारोह में न्यायमूर्ति राव को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उनका तबादला झारखंड के लिए हुआ है. न्यायमूर्ति ममिदान्ना सत्या रत्ना रामचंद्र राव 30 मई, 2023 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित हुए थे.
पारिवारिक पृष्ठभूमि भी न्याय क्षेत्र से जुड़ी
न्यायमूर्ति ममिदान्ना सत्या रत्ना रामचंद्र राव के पिता न्यायमूर्ति एम जगन्नाथ राव सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश थे. इनके दादा भी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे. न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव को साल 2012 में 29 जून को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में प्रोमोट किया गया था. इसके बाद वर्ष 2021 में 31 अगस्त को वे तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त हुए.
न्यायमूर्ति एमएस रामचन्द्र राव की शिक्षा
अगस्त 1966 को हैदराबाद में जन्मे न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव ने बीएससी (ऑनर्स) गणित में उस्मानिया यूनिवर्सिटी में टॉप किया था. साल 1989 में यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद से एलएलबी पास किया था. उन्हें सबसे अधिक अंक हासिल करने के लिए सीवीएसएस आचार्युलु गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था. साल 1989 में एडवोकेट के रूप में उनका नामांकन हुआ था. फिर साल 1991 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होंने एलएलएम की डिग्री प्राप्त की. न्यायमूर्ति राव के पास सिविल लॉ, मध्यस्थता, कंपनी लॉ, प्रशासनिक और संवैधानिक कानून, श्रम और सेवा कानून के क्षेत्र में वकालत का अनुभव है.