शिमला: जिला कांगड़ा की ज्वालामुखी तहसील के तहत लुथाण में स्थापित काऊ सेंक्चुरी में दो साल के भीतर 1200 गोवंश की मौत हो गई थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में समय-समय पर आदेश पारित किए थे. इसी मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष कहा कि सैंकड़ों गायों की मौत की जांच का जिम्मा स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो को दिया गया है.
ये काऊ सेंक्चुरी लुथाण गांव में राधे कृष्ण गौ अभ्यारण्य के नाम से स्थापित की गई थी. यहां 20 जनवरी 2022 में काऊ सेंक्चुरी शुरू हुई. आरंभ में यहां 1310 बेसहारा गोवंश रखा गया था. दो साल की अवधि में यहां 1200 गायों की मौत हुई. इस संदर्भ में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. इसी याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जानकारी दी कि गायों की मौत का जांच का जिम्मा स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो को दिया गया है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने जांच अधिकारी सहित संबंधित डीएफओ व पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को रिकॉर्ड सहित अदालत में मौजूद रहने के आदेश जारी किए.
मामले के अनुसार हाईकोर्ट ने साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से स्थापित राधे कृष्ण गौ अभ्यारण्य लुथाण जिला कांगड़ा को बंद करने की मांग पर सरकार को नोटिस जारी किए थे. प्रार्थी पवन कुमार ने इस मामले में राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित पशु पालन विभाग के सचिव, वन सचिव, गौ सेवा आयोग बालूगंज के निदेशक, केंद्रीय पशुपालन विभाग के सचिव और एनिमल वेलफेयर बोर्ड को इस मामले में प्रतिवादी बनाया है.