हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल में अनुबंध नौकरी नीति खत्म करने की तैयारी, सीओएस की बैठक में मंथन, बनेगा नई नीति का ड्राफ्ट - Contract Job Policy

अनुबंध पर नौकरी करने वालों के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें पेंशन देने का आदेश हाई कोर्ट ने जारी किया है. कोर्ट के आदेश के बाद से प्रशासनिक मशीनरी अब अनुबंध नौकरी नीति को खत्म करने की तैयारी में जुट गया है.

Himachal Government effort to end contract job policy
हिमाचल में प्रशासन अनुबंध नौकरी की नीति को खत्न करने की दिशा में काम करेगी

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 5, 2024, 8:03 AM IST

Updated : Apr 5, 2024, 9:00 AM IST

शिमला: हिमाचल में अब प्रशासनिक मशीनरी अनुबंध पर नौकरी की नीति को खत्म करने की दिशा में काम करेगी. हिमाचल में सरकारों की मंशा ये थी कि अनुबंध नौकरी की नीति से खजाने पर कम बोझ पड़ेगा, लेकिन अब निरंतर हाई कोर्ट से आने वाले फैसलों से ये नीति कारगर नहीं दिखाई दे रही.

अदालत से आदेश आ रहे हैं कि अनुबंध सेवाकाल को भी पेंशन के लिए गिना जाए. एक के बाद एक ऐसे फैसले आने के बाद राज्य की प्रशासनिक मशीनरी इस दिशा में सोचने पर मजबूर हुई. हिमाचल में राज्य सचिवालय में गुरुवार को एक अहम बैठक हुई. सीओएस यानी कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज की बैठक मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अगुवाई में हुई. इस बैठक में अनुबंध पर नौकरी वाली नीति को खत्म करने की प्रक्रिया और इसके नफे-नुकसान पर चर्चा हुई.

अदालत से आ रहे अनुबंध सेवाकाल से जुड़े ये फैसले:सीओएस की बैठक में ये पाया गया कि अनुबंध सेवाकाल को पेंशन के लिए गिने जाने वाले मामलों को राज्य सरकार अदालत यानी हाई कोर्ट में डिफेंड नहीं कर पा रही है. अदालत से धड़ाधड़ ऐसे आदेश आ रहे हैं जिसमें सेवानिवृत्त कर्मियों को अनुबंध सेवाकाल की पेंशन देने के लिए कहा जा रहा है. ऐसे में अब राज्य सरकार अनुबंध पॉलिसी को खत्म करने की तैयारी कर रही है. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बैठक में अनुबंध नीति के अल्टरनेट यानी विकल्प के रूप में एक नई नीति का मसौदा तैयार करने के लिए कहा है. सीओएस की मीटिंग में फाइनांस, पर्सनल और अन्य संबंधितों से भी विचार-विमर्श किया गया. फिलहाल ये तय किया गया है कि नेशनल हेल्थ मिशन के आउटसोर्स मॉडल को अपनाया जाए. इस मॉडल की गहराई से स्टडी करने के निर्देश मुख्य सचिव की तरफ से दिए गए हैं.

अनुबंध नीति को जारी रखने में नहीं दिख रहा लाभ:गौरतलब है कि राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने आयुष विभाग के बहुचर्चित शीला देवी बनाम हिमाचल सरकार के केस वाले निर्णय को लागू करने के लिए वित्त सचिव की अगुवाई में पहले ही कमेटी का गठन किया हुआ है. इस केस में भी अनुबंध अवधि को पेंशन के लिए गिना जा रहा है. इसके बाद नागरिक आपूर्ति विभाग में ताज मोहम्मद बनाम हिमाचल सरकार केस में भी अनुबंध अवधि को सीनियोरिटी और वित्तीय लाभों के लिए भी गिना जाएगा. ऐसे में अनुबंध नीति को आगे की अवधि के लिए जारी रखने में हिमाचल सरकार को कोई लाभ नहीं दिख रहा है. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने अनुबंध नीति को लाया ही इसलिए था कि खजाने पर बोझ कम पड़े. पहले अनुबंध सेवाकाल आठ साल का होता था. घटते-घटते अब ये दो साल रह गया है. कर्मचारी अनुबंध सेवाकाल को सीनियोरिटी के लिए काउंट करने और अन्य वित्तीय लाभ के लिए हाई कोर्ट में मामला ले जाते हैं. हाई कोर्ट से उनके पक्ष में फैसले आए हैं. इसलिए अनुबंध नीति को आगे जारी रखने का कोई लाभ नजर नहीं आ रहा है.

खजाने पर बोझ न पड़े, ऐसी नीति पर चर्चा:फिलहाल, बैठक में ये चर्चा की गई कि ऐसी नीति लाई जाए, जिससे खजाने पर भी अधिक बोझ न पड़े और नियमित नियुक्ति भी नहीं देनी पड़े. साथ ही ऐसे प्रावधान किए जाएं कि अदालती चक्कर न काटने पड़ें और सरकारी कामकाज भी गति से चले. इन सब बातों को आधार बनाकर नई पॉलिसी ड्राफ्ट करने की मंशा है. इससे पहले मुख्य सचिव की कमेटी ने भर्ती के बाद कर्मचारियों के लिए फिक्स्ड यानी एक तय वेतन वाली भर्ती का मॉडल भी अध्ययन करने के लिए कहा है. ऐसा मॉडल गुजरात सरकार ने अपनाया है. वहीं, राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने अध्ययन किया तो मालूम हुआ कि गुजरात सरकार भी अपनी फिक्स्ड वेतन पॉलिसी का अदालतों में बचाव नहीं कर पाई है. अब हिमाचल में अफसरों को केंद्र सरकार के एनएचएम वाले आउटसोर्स मॉडल को स्टडी करने को भी कहा गया है. वित्त और कार्मिक विभाग मिलकर पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करेंगे. राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद कैबिनेट इस ड्राफ्ट पर अंतिम फैसला लेगी. सरकार चाहती है कि कर्मचारियों को जल्दी नियमित न करना पड़े. फिलहाल, सीओएस मीटिंग में भांग की खेती को मंजूरी देने के अलावा अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई.

ये भी पढ़ें:खुशखबरी! होमगार्ड चालकों और सचिवालय क्लर्क के पदों पर होगी भर्ती, कैबिनेट ने दी मंजूरी

Last Updated : Apr 5, 2024, 9:00 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details