शिमला: हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई की रात शिमला, कुल्लू, मंडी में बादल फटने के घटना के बाद से भारी तबाही हुई थी. कई लोग अभी भी लोग लापता हैं. अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं. छह लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. कई घर, दुकानें और गोशालाएं बह गई हैं.
हिमाचल प्रदेश ऑपरेशन सेंटर ने 31 जुलाई से 2 अगस्त दोपहर 3 बजे तक के आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़ों के मुताबिक 6 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. एक शव कुल्लू और 5 मंडी से बरामद किए गए हैं. अभी भी 47 लोग लापता हैं. सबसे अधिक 33 लोग शिमला में लापता हैं. 55 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. 61 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, जबकि 42 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है. तीन दुकानें और 22 गोशालाएं ध्वस्त हुई हैं. छह वाहन योग्य पुल और 22 पैदल पुल बहे हैं.
31 जुलाई से 2 अगस्त तक के आंकड़े (HDMA) वहीं, इस मानसून सीजन में हिमाचल में अब तक 140 लोगों की मौत और 254 लोग घायल हुए हैं. वहीं, 111 पशुओं की भी मौत हुई है. 19 पक्के और 26 कच्चे मकान, 118 गोशालाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. बागवानी विभाग को 13995.835 (लाख में) पीडब्ल्यूडी को 30160.32 (लाख में) से अधिक का नुकसान हुआ है. हिमाचल को 64,894.27 लाख का नुकसान हो चुका है.
इस मानसून के आंकड़े (HDMA) 47 लोग लापता
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि बादल फटने की घटना से छह लोगों की मृत्यु हुई है और 47 लोग लापता हैं, जबकि 55 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि जिला शिमला में आपदा प्रभावितों को फौरी राहत प्रदान की गई है. जिला कुल्लू के मलाणा गांव में 25 पर्यटक स्थानीय निवासियों के साथ सुरक्षित हैं और श्रीखंड के आसपास के क्षेत्रों में लगभग 300 श्रद्धालु भी सुरक्षित हैं. लोगों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-21 को शीघ्र बहाल करने के प्रयास जारी हैं. जिला अधिकारियों को सड़कों की मुरम्मत कर लोगों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं. आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रति परिवार 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता के साथ किराए के मकान के लिए तीन माह तक प्रतिमाह 5,000 रुपये प्रदान करेगी. इसके अलावा, इन परिवारों को निःशुल्क राशन, रसोई गैस और कम्बल की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.
सीएम ने किया समेज गांव का दौरा
वहीं, रामपुर के समेज में बादल फटने सी हुई तबाही का जायजा लेने पहुंचे सीएम सुक्खू ने कहा कि सात आठ बच्चे जिन्होंने अपना जीवन देखा भी नहीं था वो दुनिया को छोड़कर चले गए. लापता लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद कम है. बरसात खत्म होने को अभी समय है. प्रभावित परिवारों को बसाने का काम करेंगे. प्रभावित बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे. सभी परिवारों को हम राहत देंगे. आज शाम तक सभी परिवारों को आपदा राहत मिल जाएगी. बारिश खत्म होने के बाद घर बनाने के लिए प्रभावितत परिवारों को आर्थिक मदद दी जाएगी. बिजली, पानी का कनेक्शन दिया जाएगा, जिनकी जमीने बह गई हैं उनके पुनर्वास के लिए सरकार कदम उठाएगी. सीएम ने प्रभावित परिवारों को अलग से मुआवजा देने की बात कही है. उन्होंने प्रशासन को उचित कदम उठाने के आदेश दे दिए हैं.
ये भी पढ़ें: "लोगों की जान बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता, आपदा के हालातों से निपटना बड़ी चुनौती", सीएम सुक्खू से ETV भारत की खास बातचीत
ये भी पढ़ें: समेज स्कूल के 8 छात्र भी बाढ़ में हुए लापता, अभी तक नहीं मिला कोई सुराग