शिमला: झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव में हिमाचल में कांग्रेस की दी गई गारंटियां चर्चा में हैं. इन गारंटियों को लेकर बीजेपी कांग्रेस में खूब खटपट हो रही हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में दी गई गारंटियों को लेकर कांग्रेस अब निशाने पर है. महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी घोषणा पत्र आने से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्किार्जुन खड़गे का बयान कांग्रेस के लिए बैकफायर कर गया. गारंटियों पर अपनों ने ही सवाल उठाया तो विरोधियों ने भी सरकार पर निशाना साधा है.
मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर पीएम मोदी समेत नेता विपक्ष जयराम ठाकुर तक ने निशाना साधा. पीएम मोदी ने हिमाच में कांग्रेस की दी गई गारंटियों को लेकर सवाल खड़े किए. सीएम सुक्खू को कांग्रेस और अपनी गारंटियों को लाज बचाने के लिए खुद सामने आना पड़ा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार ने 10 गारंटियां दी थीं जिनमें से 5 पूरी हो चुकी हैं. आइये आपको बताते हैं कि हिमाचल में कांग्रेस ने कौन सी 10 गारंटियां दी थीं और मुख्यमंत्री के मुताबिक कौन सी गारंटियां पूरी हो चुकी हैं.
कांग्रेस ने संकल्प पत्र में दी थी ये 10 गारंटियां
- पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करना
- 18 से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह
- हर घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देना
- युवाओं को 5 लाख रोजगार
- बागवान तय करेंगे फलों की कीमत
- युवाओं के लिए 680 करोड़ का स्टार्टअप फंड
- हर गांव में मुफ्त इलाज के लिए मोबाइल क्लीनिक.
- हर विधानसभा क्षेत्र में 4 अंग्रेजी माध्यम स्कूल
- गाय भैंस पालकों से हर दिन 10 लीटर दूध की खरीद
- दो रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद
गारंटियों पर चल रहे सियासी विवाद के बीच सीएम सुक्खू ने दावा किया कि हिमाचल में उनकी सरकार 5 गारंटियां पूरी कर चुकी हैं. सीएम सुक्खू ने ये पोस्ट पीएम मोदी के सवाल उठाने के बाद की थी.
क्यों उठा गारंटियों का मुद्दा ?
अब कांग्रेस अपनी गारंटियों को लेकर निशाने पर है. हरियाणा में चुनाव हुए तो हिमाचल से सीएम सुक्खू भी प्रचार में गए थे. वहां हिमाचल की दस गारंटियों का खूब जिक्र हुआ. जेएंडके में भी कांग्रेस ने हिमाचल की गारंटियों का हवाला दिया. पीएम मोदी ने हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान हिमाचल की खस्ताहाल आर्थिकी को लेकर हमला बोला. अब कर्नाटक में कांग्रेस प्रेजिडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे ने वहां के सीएम सिद्धारमैया व डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की मौजूदगी में हंसी भरे माहौल में कह दिया कि ऐसी गारन्टी न दें जो पूरी न की जा सकें. उन्होंने कहा कि 'आप लोग जोश में आकर इतनी गारंटियों की घोषणा मत करो. उतना ही करो, जितना दे सको. उतनी ही गारंटी का वादा करना चाहिए, जितना पूरा हो सके, नहीं तो सरकार दिवालियापन की तरफ चली जाएगी. अगर सड़कों के लिए पैसे नहीं हैं, तो हर कोई आपके खिलाफ हो जाएगा. अगर यह सरकार विफल हो जाती है, तो आने वाली पीढ़ी के पास बदनामी के अलावा कुछ नहीं बचेगा. उन्हें 10 साल तक निर्वासन में रहना होगा.'