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अब स्कूल व कॉलेज प्रिंसिपल नीड बेस्ड रख सकेंगे गेस्ट टीचर, 12 दिसंबर की कैबिनेट मीटिंग में लगेगी मुहर - HIMACHAL GUEST TEACHER POLICY

हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर कैबिनेट बैठक में फैसला लिया जाएगा. स्कूल व कॉलेज प्रिंसिपल नीड बेस्ड गेस्ट टीचर रख सकेंगे.

HIMACHAL CABINET MEETING
सुक्खू कैबिनेट बैठक (File Photo)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 9, 2024, 10:20 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर पॉलिसी पर पहले भी विवाद हो चुका है, लेकिन अब नए सिरे से इस पर काम किया जा रहा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में शिक्षा से जुड़ी एक कॉन्फ्रेंस में गेस्ट टीचर्स रखने को लेकर एक सुझाव दिया था. उसके बाद शिक्षा विभाग ने इस पर काम किया है. अब ऐसा विचार किया जा रहा है कि स्कूल व कॉलेज में प्रधानाचार्य जरूरत के अनुसार गेस्ट टीचर रख सकेंगे. कैबिनेट में इस विचार पर मुहर लगेगी.

12 दिसंबर को होगी कैबिनेट बैठक

अभी राज्य सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरा होने के समारोह के बाद 12 दिसंबर को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई है. उस बैठक में गेस्ट टीचर रखने से संबंधित पहलुओं पर विचार किया जाएगा. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हाल ही में सचिवालय में विभाग की एक लंबी बैठक ली है. उसमें भी इस विषय पर चर्चा हुई है. सरकार का ऐसा विचार है कि जिन स्कूलों में किसी विषय विशेष के अध्यापक नहीं हैं, वहां रोटेशन के आधार पर गेस्ट टीचर रखे जाएं. इसका जिम्मा संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य को दिया जाए. यह अस्थाई प्रावधान होगा.

किस स्थिति पर रखे जाएंगे गेस्ट टीचर्स

कई बार अचानक से कोई पद खाली होता है, किसी शिक्षक की ट्रांसफर होती है या फिर कोई रिटायर हो जाता है तो विषय विशेष को पढ़ाने वाला कोई नहीं होता. इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. ऐसी परिस्थितियों में स्कूल या कॉलेज के प्रधानाचार्य नीड बेस्ड यानी जरूरत के आधार पर गेस्ट टीचर रख सकेंगे. ऐसे शिक्षकों को प्रति घंटा के आधार पर मानदेय दिया जाना प्रस्तावित है. ये टीचर रोटेशन के आधार पर रखे जाएंगे, ताकि उनका एक ही स्कूल में लंबा स्टे न हो जाए. इस बारे में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कैबिनेट एजेंडा तैयार करने को कहा है. शिक्षा मंत्री का कहना है कि कैबिनेट में गेस्ट टीचर रखने के अलावा विभाग के अन्य मसलों पर भी चर्चा होगी.

पहले भी गेस्ट टीचर्स नीति को लिया था वापस

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी गेस्ट टीचर्स को लेकर एक नीति का ऐलान हुआ था. उस नीति का काफी विरोध हुआ था, जिस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उसे वापस लेने की बात कही थी. उस समय भी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि इस मामले में सरकार के पक्ष को गलत समझा गया. दरअसल, सरकार पीरियड बेस्ट ऑवरली सिस्टम पर गेस्ट टीचर रखना चाहती थी. उस फैसले पर युवाओं का तर्क था कि यदि ऐसे ही पद भरे जाने हैं तो नेट, सेट व कमीशन आदि परीक्षाओं के लिए इतनी मेहनत करने की आवश्यकता ही क्या है. फिलहाल, अब स्कूल या कॉलेज प्रिंसिपल जरूरत के आधार पर अस्थाई व्यवस्था के तहत एक पैनल गठित कर उसकी सिफारिश पर टीचर रख सकेंगे.

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