शिमला: हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सरकार ने कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. सरकारी स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए अब शैक्षणिक सत्र में टीचरों की ट्रांसफर पर रोक लग गई है. शिमला में गुरुवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिया गया है. इसके मुताबिक अब शिक्षा विभाग में हर साल शैक्षणिक सत्र के अंत में शिक्षकों को स्थानांतरित किया जाएगा. वहीं, मंत्रिमंडल ने स्कूलों में स्टाफ की कमी को दूर करने को शून्य विद्यार्थी संख्या वाले 99 स्कूलों को बंद करने का भी फैसला लिया है. इसमें 89 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 10 माध्यमिक विद्यालय ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या जीरो है. इसी तरह से मंत्रिमंडल ने 2 किलोमीटर के दायरे के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों और 3 किलोमीटर के दायरे के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पांच और इससे कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने को स्वीकृति दी है.
कब तक लगी ट्रांसफर पर रोक ?
प्रदेश में शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर ही सबसे अधिक मारा मची रहती है. शिक्षा निदेशालयों से लेकर सचिवालय तक शिक्षक ट्रांसफर के लिए फाइल लेकर घूमते हुए नजर आते हैं. मुख्यमंत्री के आदेशों पर ही साल में कुछ महीनों तक ट्रांसफर पर प्रतिबंध रहता है. जिसको देखते हुए सरकार ने शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी बनाने का फैसला लिया है. जो अभी फाइलों में ही बंद है. इसको देखते हुए अब ये फैसला लिया गया है कि जब तक ट्रांसफर पॉलिसी पर अंतिम फैसला नहीं लिया जाता है, तब तक एकेडमिक सेशन से शिक्षकों तबादले न किए जाएं, ताकि स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो. हालांकि मेडिकल ग्राउंड या अन्य अति आवश्यक कारणों में स्कूलों में छुट्टियां पड़ने के दौरान शिक्षकों के तबादलों पर सरकार विचार कर सकती है.
80 हजार टीचिंग स्टाफ की ट्रांसफर पर रोक
हिमाचल में शिक्षकों की संख्या 80 हजार के करीब है. इसमें जेबीटी की संख्या 16 हजार से अधिक, टीजीटी करीब 18 हजार, लेक्चरर्स 8 हजार, स्कूल न्यू लेक्चरर्स 12 हजार, हेडमास्टर 800, प्रिंसिपल 2 हजार व 16 हजार के करीब सी एंड वी है. जिनका तबादला अब शैक्षणिक सत्र में नहीं होगा. हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ वीरेंद्र चौहान ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि विशेष विशेष तरह की परिस्थितियों में टीचरों की ट्रांसफर को लेकर छूट होनी चाहिए.