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भाजपा को भाए कांग्रेस से आए नेता, बागियों को टिकट मिलने से नाराज भाजपाइयों की नब्ज पर हाथ रख रहे डॉ. बिंदल - Himachal BJP Crisis

Himachal BY Election 2024: हिमाचल विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए 6 नेताओं को टिकट देने पर भाजपा नेता नाराज हो गए हैं. इन नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सौंपी गई है. दोनों नेता नाराज भाजपाइयों को मनाने में जुट गए हैं.

Himachal BJP Crisis
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 29, 2024, 6:35 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन की विजय सुनिश्चित करने वाले छह कांग्रेस नेता अब भाजपा के हो चुके हैं. उन्हें विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने टिकट भी दे दिया है. कांग्रेस से आए इन नेताओं का पार्टी विद ए डिफरेंस में विरोध भी हो रहा है. ऐसे में नाराज भाजपाइयों की नब्ज पर पार्टी के प्रदेश मुखिया डॉ. राजीव बिंदल ने हाथ रखा है.

नाराज नेताओं को मनाने की मुहिम शुरू

डॉ. राजीव बिंदल व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर नाराज नेताओं को हाईकमान के आदेश की इंपोर्टेंस समझाने में जुट गए हैं. भाजपा के सीनियर नेता रमेश धवाला के गुस्से की ज्वाला को डॉ. राजीव बिंदल ने शांत करने में कामयाबी हासिल कर ली है. डॉ. बिंदल व जयराम ठाकुर नाराज भाजपाइयों के समझा रहे हैं कि राज्यसभा सीट जीतना कितना महत्वपूर्ण था. इसी तरह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष नाराज भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को मनाने के प्लान पर काम करने में जुट गए है.

नाराजगी की आग पर ऐसे डालेंगे प्यार का पानी

छह सीटों पर उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट दिया गया है. नालागढ़ से केएल ठाकुर को टिकट दिया गया तो लखविंदर राणा नाराज हो गए. धर्मशाला से सुधीर कैंडिडेट बनाए गए तो राकेश चौधरी, किशन कपूर और विपिन नैहरिया आदि गुस्सा हो गए. देहरा से होशियार सिंह भाजपा में आकर टिकट मिलने पर मैदान में उतरे तो रमेश धवाला नाराज हो गए. बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल प्रत्याशी हुए तो बलदेव शर्मा आदि स्वागत समारोह से दूर रहे. गगरेट से चैतन्य शर्मा चुनाव मैदान में उतरे हैं तो राकेश कालिया नाराज हो गए. हालांकि पूर्व विधायक राजेश ठाकुर ने पार्टी को प्रमुख बताया. कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो आए तो वीरेंद्र कंवर असहज हो गए. सुजानपुर व हमीरपुर में भी यही सब हो रहा है. अब इन सभी को मनाने की मुहिम शुरू की गई है.

पिछले चुनाव में हार जाने की देंगे दुहाई

2022 में कुटलैहड़ से चुनाव लड़ने वाले वीरेंद्र कंवर जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. वे पिछला चुनाव हार गए थे. वीरेंद्र कंवर पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के नजदीकी हैं. ऐसे में उन्हें मनाने में कोई खास परेशानी नहीं आएगी. इसी तरह अन्य पांच नेताओं को भी बताया और समझाया जाएगा कि वे पिछला चुनाव हारे हैं. पार्टी ने राज्यसभा सीट में चुनाव पर मदद के लिए कांग्रेस के छह नेताओं को प्रतिफल दिया है. पार्टी की मजबूती के लिए काम करना होगा. सीनियर लीडर रमेश धवाला को काफी हद तक मना लिया गया है. भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पार्टी हाईकमान के फैसले की दुहाई देंगे. साथ ही पार्टी की मजबूती का इमोशनल दांव चलेंगे. नाराज नेताओं को पार्टी ही मां है, कह कर पुचकारा जाएगा. डॉ. बिंदल व जयराम ठाकुर का मानना है कि कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट मिलने के बाद ये पार्टी के भीतर नेताओं व कार्यकर्ताओं की सहज प्रतिक्रिया है. उन्हें मना लिया जाएगा.

6 नए साथियों के साथ उनके घर जा रहे बड़े नेता

कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आए छह चेहरों के साथ भाजपा के बड़े नेता उनके घर यानी निर्वाचन क्षेत्र में जा रहे हैं. ऐसा इसलिए ताकि जनता व कार्यकर्ताओं को फील गुड करवाया जा सके. सुधीर शर्मा के साथ राजीव बिंदल, राजीव भारद्वाज, बिक्रम ठाकुर व विपिन परमार जैसे नेता थे तो आईडी लखनपाल के घर आने पर सिकंदर कुमार व विनोद ठाकुर जैसे भाजपा नेताओं ने कमान संभाली. नालागढ़ में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मौजूद थे. ये सारी कसरत इसलिए की जा रही है कि भाजपा के कार्यकर्ता नए आए चेहरों को अपना समर्थन और स्नेह दें. कांग्रेस से आए नेताओं के साथ उनके समर्थक और कांग्रेस में उनके साथी भी उपस्थित हो रहे हैं. इस तरह एक माहौल बनाया जा रहा है. भाजपा चाहती है कि छह में से छह सीटें उनके खाते में आ जाएं. वहीं, कांग्रेस के प्रयास है कि कम से कम दो सीटों पर जीत मिल जाए तो सरकार स्थिर और मजबूत हो जाएगी.

भाजपा में आए नेताओं का भावुक संवाद

इस सारे सियासी परिदृश्य में कांग्रेस से भाजपा में आए नेता अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनता के समक्ष इमोशनल हो रहे हैं. वे जनता के साथ भावुक संवाद कर रहे हैं. सुधीर शर्मा ने धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में रुंधे हुए गले से बताया कि कैसे इसी जगह सीएम सुखविंदर सिंह ने उनका हाथ झटका था. सुधीर ने बताया कि सीएम ने उन्हें बिकाऊ कहा, लेकिन वे बिकने वालों में से नहीं हैं. साथ ही ये कहा कि भाजपा में आने के बारे में उन्होंने अपनी मां से इजाजत ली थी. उस समय मां ने कहा था कि ये कांग्रेस उनके पिता के समय की कांग्रेस नहीं है.

लखनपाल ने भी जनता के सामने रखा दर्द

वहीं, आईडी लखनपाल ने भी जनता के सामने अपना मन खोलकर रख दिया. लखनपाल ने कहा कि उन्होंने न कभी मंत्री पद मांगा और न ही कोई लालच किया. वे केवल बड़सर के विकास की बात सीएम के समक्ष रखते थे. सभी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस में उनके साथ अपमानजनक व्यवहार हो रहा था और उनके आत्मसम्मान पर चोट की जा रही थी. फिलहाल, अब ये सभी नेता भाजपा में शामिल होकर पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. अब उनके आने से भाजपा में नाराज हुए नेताओं को मनाने का जिम्मा पार्टी मुखिया राजीव बिंदल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने संभाला है. देखना है कि भाजपा इस नाराजगी को थामने में कितना सफल होती है.

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