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जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख को चाहिए हिमाचल के एप्पल रूटस्टॉक, पहली बार आई ये डिमांड

हिमाचल उद्यान विभाग पहली बार जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख को करीब 1.30 लाख रूटस्टॉक व ग्राफ्टेड प्लांट भेजेगा.

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सेब के रूटस्टॉक (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 3, 2024, 11:08 AM IST

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश देश के 2 केंद्र शासित प्रदेशों को हिमाचली सेब के रूटस्टॉक व ग्राफ्टेड प्लांट भेजेगा. इसके लिए प्रदेश के उद्यान विभाग को जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख से पहली बार डिमांड आई है. करीब 1.30 लाख रूटस्टॉक व ग्राफ्टेड प्लांट दोनों प्रदेशों को भेजे जाएंगे. लिहाजा कुछ ही सालों में अब दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के बगीचों में भी हिमाचली सेब दिखाई देगा. बता दें कि यह पहला मौका है, जब जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख से सेब के प्लांट्स की यह डिमांड आई है.

1.26 लाख रूटस्टॉक और 3040 ग्राफ्टेडप्लांट्स की डिमांड

दरअसल प्रदेश का उद्यान विभाग विंटर सीजन के तहत ग्राफ्टेड प्लांट्स लगाए जाने को लेकर विशेष तैयारियां कर रहा है. इसके तहत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कुल 4,32,745 से अधिक सेब के ग्राफ्टेड प्लांट्स और 5,00,000 से अधिक रूटस्टॉक आबंटन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं, 1.26 लाख रूटस्टॉक जम्मू-कश्मीर और 3040 ग्राफ्टेड प्लांट्स लेह-लद्दाख को भेजे जाएंगे.

बागवानी विभाग हिमाचल प्रदेश के निदेशक विनय सिंह ने कहा, "इस बार जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख सेरूटस्टॉक और ग्राफ्टेड प्लांट की डिमांड मिली है. इसके लिए विभाग ने प्रदेश की सभी पौधशालाओं में बेहतर किस्म की विदेशी नस्लों को उच्च गुणवत्ता व वायरस मुक्त कर तैयार किया है."

एप्पल ग्राफ्टेड प्लांट (ETV Bharat)

दोनों राज्यों से डिमांड आने की वजह

हाल ही में दिल्ली में हॉर्टिकल्चर अंतरराष्ट्रीय एक्सपो का आयोजन किया गया. इसमें हिमाचल के बागवानी विभाग के अधिकारी विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों से मिले. माना जा रहा है कि यही बड़ी वजह रही कि जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख से पहली बार सेब के रूटस्टॉक व ग्राफ्टेड प्लांट की बड़ी डिमांड आई है.

नॉर्थ ईस्ट से भी आ रही मांग

बागवानी विभाग हिमाचल प्रदेश के निदेशक विनय सिंह ने बताया कि नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों से भी हिमाचली रूट स्टाक व ग्राफ्टेड की मांग उद्यान विभाग को मिल रही है, लेकिन नॉर्थ ईस्ट राज्यों से यह डिमांड काफी कम है. लिहाजा इसको लेकर एक विशेष योजना भी उद्यान विभाग तैयार कर रहा है.

सभी जिलों में तैयार की गई पौधशालाएं

उद्यान विभाग के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में सेब की विदेशी नस्ल को तैयार करने के लिए पौधशालाएं तैयार की गई हैं. जिसमें सबसे अधिक पौधशालाएं जिला सिरमौर में चल रही हैं. इसके अलावा बिलासपुर, कांगड़ा, चंबा, किन्नौर, मंडी, कुल्लू व हमीरपुर आदि जिलों में भी सेब की नर्सरियां चल रही हैं.

इन जिलों से मिली इतनी डिमांड

विंटर सीजन को लेकर उद्यान विभाग को प्रदेश के विभिन्न जिलों से ग्राफ्टेड प्लांट्स की अच्छी डिमांड मिली है. विभाग के अनुसार शिमला जिले से सबसे ज्यादा 1,08,680 ग्राफ्टेड प्लांट की डिमांड आई है. इसके अलावा सोलन जिले से 22,713, सिरमौर से 35,723, बिलासपुर से 2165, हमीरपुर से 13,488, चंबा से 42,447, किन्नौर से 43,556, मंडी से 50,967, कांगड़ा से 28,929 व कुल्लू से 72,118 और लाहौल-स्पीति से 8919 प्लांट्स की डिमांड विभाग को मिली है.

जिला सेब के ग्राफ्टेड प्लांट्स की डिमांड
शिमला 1,08,680
सोलन 22,713
सिरमौर 35,723
बिलासपुर 2165
हमीरपुर 13,488
चंबा 42,447
किन्नौर 43,556
मंडी 50,967
कांगड़ा 28,929
कुल्लू 72,118
लाहौल-स्पीति 8919

"मिशन के तहत काम कर रहा उद्यान विभाग"

बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा, "हिमाचल प्रदेश का उद्यान विभाग एक मिशन के तहत काम कर रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के बागवानों को विश्वस्तर पर फल उत्पादन पर विशेष पहचान दिलाना है. इस दिशा में सरकार के प्रयास सफल भी हो रहे हैं. यही वजह है कि आज हिमाचली सेब ही नहीं यहां के रूटस्टॉकऔर ग्राफ्टेडप्लांट की डिमांड भी केंद्र शासित प्रदेशों से मिली है."

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