नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक को नगर निगम द्वारा भेजे गए 2.42 करोड़ रुपए के वसूली के नोटिस पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद रिकवरी नोटिस पर रोक लगा दी है. हल्द्वानी नगर निगम की ओर से बनभूलपुरा में 8 फरवरी को हुए दंगे में नुकसान के बदले में आरोपी अब्दुल मलिक को 2.42 करोड़ रुपए का नोटिस 12 फरवरी 2024 को भेजा गया था. नोटिस में तीन दिन के अंदर उक्त धनराशि नगर निगम कार्यालय में जमा करने को कहा गया था. मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रिकवरी नोटिस पर रोक लगा दी.
नोटिस में कहा गया कि दंगे में कई लोगों की जान व करोड़ों रुपए के सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है और वो इस दंगे का मुख्य आरोपी हैं. नुकसान के भरपाई के लिए यह रिकवरी नोटिस जारी किया गया है. धनराशि जमा नहीं करने के एवज में प्रशासन ने वसूली कार्रवाई भी शुरू कर दी थी. हल्द्वानी तहसीलदार की ओर से आरोपी को 25 अप्रैल 2024 को वसूली नोटिस जारी किया गया था. आरोपी ने इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि नगर निगम की ओर से जारी किया गया नोटिस देना गलत है. क्योंकि अब्दुल मलिक पर लगाए गए आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं. अब्दुल मलिक पर चल रहा वाद न्यायालय में लंबित है. इसलिए उनसे अभी वसूली नहीं की जा सकती. वहीं दोष सिद्ध होने के बाद ही रिकवरी की जा सकती है. इसलिए रिकवरी आदेश पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अहरार बेग के अनुसार एकलपीठ ने नगर निगम के नोटिस और वसूली के आदेश पर रोक लगा दी है.
बता दें कि पुलिस ने अब्दुल मलिक को 8 फरवरी को हुए उपद्रव में आरोपी बनाया है. अब्दुल मलिक ने ही सरकारी जमीन पर फर्जी दस्तावेज बनाकर वहां मस्जिद और मदरसे का निर्माण करवाया था. मलिक इस जमीन को अपना बता रहा था. उक्त सरकारी भूमि पर अवैध मदरसे और मस्जिद को तोड़ने के दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस, नगर निगम और पत्रकारों पर हमला बोला था.आगजनी और पथराव में पांच लोगों की जान गई है, जबकि 8 करोड़ से अधिक की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.
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