नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दैवीय आपदा के संबंध में पूर्व में दिए गए आदेश का अनुपालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने जिलाधिकारी नैनीताल से दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह की तिथि नियत की है.
आज हुई सुनवाई पर याचिकाकर्ता हल्द्वानी के चोरगलिया निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया ने अपने केस की स्वयं पैरवी करते हुए कोर्ट को अवगत कराया कि इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी नैनीताल व जिलाधिकारी हरिद्वार को 18 मार्च को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. लेकिन जिलाधिकारी नैनीताल ने अभी तक इसका जवाब पेश नहीं किया. जबकि जिलाधिकारी हरिद्वार ने जवाब पेश कर दिया है. मानसून आने में कुछ ही समय बचा हुआ है, इसलिए कोर्ट के 14 फरवरी 2023 के आदेश का अनुपालन करवाया जाए. जिससे साल 2023 में आई बाढ़ जैसी स्थित उतपन्न न हो.
याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि माननीय उच्च न्यायलय ने 14 फरवरी 2023 को राज्य सरकार को निर्देश दिए थे की बाढ़ से बचाव की दशा में राज्य सरकार सिंचाई विभाग,वन विभाग, भूमि संगरक्षण व अन्य विभागों को साथ लेकर अपने संसाधनों से आरक्षित क्षेत्रों की नदियों से मलबा ,बोल्डर व शिल्ट को हटाएं और नदियों का चैनलाइजेशन करें. लेकिन जिलाधिकारी नैनीताल व जिलाधिकारी हरिद्वार ने इस आदेश का पालन नहीं किया. जिसकी वजह से साल 2023 के मानसून सत्र में नंधौर, गौला, रकसिया नाला और हरिद्वार में गंगा नदी ने हरिद्वार के भोगपुर, रायवाला, लक्सर व अन्य जगहों पर भारी तबाही की थी.
जिससे स्कूल, पुल,सड़क, कृषि भूमि वन भूमि सहीत करीब 600 करोड़ का नुकसान हुआ. अवमानना याचिका में उनके द्वारा कोर्ट से प्रार्थना की है कि पूर्व के आदेश का शीघ्र अनुपालन करवाया जाए, क्योंकि मानसून शुरू होने में डेढ़ माह का समय तक नहीं बचा है.
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