हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

सरप्लस घोषित कर्मचारियों को लेकर हिमाचल हाइकोर्ट से बड़ी ख़बर, सरकार को सेवा शर्तें तैयार करने के आदेश

हिमाचल सरकार को इसके लिए 3 हफ्ते का वक्त दिया गया है. पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें

हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट (File)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 25, 2024, 6:54 PM IST

शिमला:हिमाचल हाइकोर्ट ने भंग किए गए HPSSC यानी हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर के सरप्लस कर्मचारियों को लेकर अहम आदेश जारी किया है. न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ये सरकार का कर्तवय् है कि वो सरप्लस पूल में रखे गए अधिकारी और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी सेवा शर्तों को तैयार करें. कोर्ट ने इन कर्मचारियों की सेवा शर्तों से जुड़े नियम और शर्तों को रिकॉर्ड पर रखने के आदेश दिए हैं.

मामला क्या है

गौरतलब है कि HPSSC को हिमाचल सरकार ने साल 2022 के अंत में भंग कर दिया था. जिसके बाद याचिकाकर्ता सहित भंग हुए एचपीएसएससी के अन्य कर्मचारियों को 26 अप्रैल 2023 को वित्त विभाग द्वारा बनाए गए सरप्लस पूल में ट्रांसफर कर दिया गया था. वित्त विभाग ने सरप्लस पूल में रखे इन अधिकारियों और कर्मचारियों को रिक्तियों के विरुद्ध विभिन्न विभागों को आवंटित किया. याचिकाकर्ता को हिमाचल प्रदेश चयन आयोग आवंटित किया गया था. याचिकाकर्ता का कहना है कि वह अधीक्षक ग्रेड- II के पद पर भर्ती और पदोन्नति नियमों में पात्रता मानदंड के अनुसार अगली पदोन्नति के लिए पात्र है.

हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर के कर्मचारियों की पदोन्नति पर विचार हेतु डीपीसी का गठन 23 फरवरी 2021 को किया गया था. हालांकि इसकी सिफ़ारिशें लागू नहीं की गई क्योंकि आयोग का कामकाज उस समय निलंबित कर दिया गया था. याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को अधीक्षक ग्रेड- II के पद के लिए डीपीसी की बैठक बुलाने का निर्देश देने की मांग की है.

प्रदेश सरकार का कहना है कि एचपीएसएससी, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश का कानूनी इकाई के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया है इसलिए याचिकाकर्ता के स्थायी समावेश के बाद ही उसकी पदोन्नति पर विचार किया जा सकता है. इस पर कोर्ट ने सरकार को सरप्लस घोषित कर्मचारियों की सेवा शर्तों से संबंधित नियमों और विनियमों/शर्तों को तीन सप्ताह के भीतर रिकॉर्ड पर रखने के आदेश जारी किए.

ये भी पढ़ें:हाईकोर्ट को आदेश की अनुपालना न करना शिक्षा विभाग को पड़ा महंगा, अदालत ने लगाई ₹20 हजार कॉस्ट

ABOUT THE AUTHOR

...view details