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शैक्षणिक सत्र के बीच न किया जाए शिक्षकों का तबादला, हाईकोर्ट का हिमाचल सरकार को आदेश - Himachal High court

Himachal High Court Order To State Govt Regarding Teachers Transfer: शिक्षक तबादला को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने सरकार को शैक्षणिक सत्र के बीच में अध्यापकों का तबादला न करने के आदेश जारी किए हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Himachal High Court
हिमाचल हाईकोर्ट (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 10:36 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा आदेश दिया जाए. हाईकोर्ट ने बीच शैक्षणिक सत्र में अध्यापकों का तबादला न करने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि इस आदेश का सख्ती के साथ पालन किया जाए, ताकि तबादलों को लेकर किसी भी शिक्षक से भेदभाव न हो. यहां बता दें कि हिमाचल हाईकोर्ट ने हाल ही में तीन सितंबर को राज्य सरकार के प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ एक मामले में कड़ी टिप्पणी की थी.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक द्वारा शिक्षकों के तबादलों में अपनाए जा रहे दोहरे मापदंड से अवगत करवाने के आदेश जारी किए थे. अदालत ने शिक्षा सचिव से पूछा था कि क्या वह प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की तरफ से तबादलों को लेकर अपनाए जा रहे दोहरे मापदंडों से अवगत है? यदि अवगत है तो उक्त शिक्षा निदेशक के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. यदि अवगत नहीं है तो उपरोक्त अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने प्रार्थी रमन कुमार की तरफ से दाखिल याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किए थे. अब इस मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया कि कोर्ट के 3 सितंबर को जारी आदेशों के बाद 7 सितंबर को शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में उच्च एवं प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों व संयुक्त शिक्षा सचिव की उपस्थिति में शिक्षकों के तबादलों को लेकर कुछ आदेश जारी किए गए. इन आदेशों में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को शिक्षकों के मध्य सत्र में तबादले न करने के निर्देश जारी किए गए. यह भी निर्देश दिए गए हैं कि बहुत ही जरूरी होने पर संबंधित शिक्षक के तबादले से जुड़ा मामला शिक्षा मंत्री और मुख्य मंत्री के समक्ष जरूरी आदेशों के लिए पेश किया जाए.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को यह बताने के आदेश भी दिए गए हैं कि 30 जुलाई को तबादलों पर लगाए बैन के बाद उन्होंने कितने शिक्षकों के तबादले किए. प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ पहले से ही जारी कारण बताओ नोटिस पर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. सरकार के इन आदेशों के मद्देनजर कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए तबादलों में दोहरा मापदंड न अपनाते हुए शिक्षकों से एक सा बर्ताव करने के आदेश दिए.

मामले के अनुसार प्रार्थी रमन कुमार की नियुक्ति वर्ष 2020 में जिला चंबा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय खजुआ बिहाली में टीजीटी नॉन मेडिकल के तौर पर हुई थी. ट्राइबल क्षेत्र में तीन वर्ष का सामान्य कार्यकाल करने के बाद प्रार्थी ने ट्राइबल क्षेत्र से अपने तबादले के लिए विभाग को प्रतिवेदन दिया. प्रतिवेदन पर कार्रवाई न होने पर प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को प्रार्थी के प्रतिवेदन पर 28 दिन के भीतर निर्णय लेने के आदेश जारी किए.

इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने प्रतिवेदन खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र के मध्य में प्रार्थी का तबादला करना प्रशासनिक और जनहित में वाजिब नहीं है. इस आदेश को प्रार्थी ने फिर से कोर्ट में चुनौती दी. प्रार्थी ने कोर्ट को बताया प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने भेदभावपूर्ण तरीके से उसके प्रतिवेदन को खारिज किया. कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि उक्त शिक्षा निदेशक ने एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों शिक्षकों के तबादला आदेश सत्र के मध्य में किए हैं. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद राज्य सरकार ने सभी संबंधित अफसरों की मीटिंग की और अदालत को अपने फैसले से अवगत करवाया. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आगे से बीच सेशन में किसी शिक्षक का तबादला न किया जाए.

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