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सिर पर मैला ढोने और सीवर की हाथ से सफाई करने के मामले पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस - सिर पर मैला ढोने का मामला

Manual Scavenging Sase: सिर पर मैला ढोने और सीवर की हाथ से सफाई करने का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस मामले पर मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर 8 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 20, 2024, 8:41 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने मैला ढोने और सीवर की हाथ से सफाई करने से रोकने के लिए प्रभावी कानून बनाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. मंगलवार को कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने आठ हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी.

याचिका सीवर और सेप्टिक टैंक साफ करने वाले कल्लू ने दायर किया है. उनके वकील पवन रेले ने कहा कि वर्तमान कानून मैला ढोने और सीवर की हाथ से सफाई करने के अमानवीय काम को रोकने में विफल रहा है. प्रोहिबिशन ऑफ इम्प्लायमेंट ऐज मैन्युअल स्कैवेंजर्स एंड देयर रिहैबिलिटेशन एक्ट और उसके कुछ प्रावधानों को हटाने की मांग की गई है.

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याचिका में कहा गया है कि इस कानून के कुछ प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14, 17, 21 और 23 का उल्लंघन है. याचिका में मैला ढोने और सीवर की हाथ से सफाई करने वालों के परिवारों के पुनर्वास की मांग की गई है. कहा गया है कि मानव मल एकत्र करने, उसका निस्तारण करने के काम में जुड़े लोगों और उनके परिवारों के पुनर्वास की जरूरत है.

याचिकाकर्ता खुद दशकों से सीवरेज में जा रहे मानव मल के निस्तारण का काम करता है. उसके भाई की 2017 में दिल्ली के लाजपत नगर में सीवर की सफाई के दौरान मौत हो गई थी. याचिका में कहा गया है कि भारतीय संविधान में हर व्यक्ति की गरिमा को प्राथमिकता दी गई है, लेकिन सफाई के काम की आड़ में मैला ढोने और सीवर की हाथ से सफाई करने का काम खुलेआम कराया जा रहा है.

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