हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार पर लगाया जुर्माना; मेडिकल उपकरण व दवाओं की खरीद घोटाले पर नहीं दिया था जवाब

हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार पर दवा घोटाले के मामले में जवाब नहीं देने के कारण जुर्माना लगाया है.

drug scam case Haryana
हरियाणा में दवा घोटाला (File photo)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 12, 2024, 10:51 PM IST

पंचकूला: हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में दवाइयों और उपकरण खरीद में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया था. इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को जवाब दायर नहीं करने पर जुर्माना लगाया है. हाईकोर्ट ने सरकार पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए अगली सुनवाई पर जवाब दायर करने का अंतिम अवसर दिया है.

दरअसल, इस मामले में 24 फरवरी 2020 को शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को राज्य के तहत सक्षम प्राधिकारी शिकायत में निहित आरोपों के संबंध में 1988 अधिनियम के 17-ए के तहत अनुमोदन देने या अस्वीकार करने का निर्देश जारी करने के आदेश दिए थे. कोर्ट की ओर से मामले में फैसला कर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जवाब दायर करने का आदेश दिया गया था. बावजूद इसके प्रदेश सरकार द्वारा मामले में कई तारीख बीतने पर भी जवाब दायर नहीं किया गया.

दुष्यंत चौटाला की सीबीआई जांच और कैग से ऑडिट की मांग:हाईकोर्ट ने जगविंद्र सिंह कुल्हरिया की ओर से वकील प्रदीप रापड़िया के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए थे. याचिका के अनुसार प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में हुए दवा खरीद घोटाले संबंधी मामले में साल 2018 में तत्कालीन सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सीबीआई जांच और कैग से आडिट कराने की मांग की थी. आरटीआई के अनुसार तीन वर्ष की समयावधि में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कई करोड़ रुपये की दवाएं और मेडिकल उपकरण महंगे दामों पर खरीदे गए थे. इस मामले के सामने आने के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज थे.

फर्म के पते पर धोबी और फर्म मालिक जेल में:याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि जिस पते पर हिसार की एक दवा कंपनी है, वहां फर्म की जगह एक धोबी बैठा मिला था. वहीं हिसार और फतेहाबाद के सामान्य अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों की सप्लाई करने वाली फर्म का मालिक नकली सिक्के बनाने के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद था. बताया कि उसने जेल से ही टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ने उसके झूठे हस्ताक्षर किए. यहां तक की याची ने हाईकोर्ट को दवा और उपकरण सप्लाई करने वाली कई कंपनियों के पास लाइसेंस नहीं होने के बारे बताया था.

करियाना और घी कारोबारी कंपनियों से खरीद:अचरज की बात यह है कि प्रदेश में जिलों के सिविल सर्जनों की ओर से दवाइयां और उपकरण महंगे दामों पर खरीदे जाने के अलावा ऐसी कंपनियों से भी दवाइयां खरीदी गई, जो कागजों में करियाना और घी का कारोबार करती हैं. याचिकाकर्ता ने मामले की जांच ईडी से कराने की मांग की है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details