चीफ जस्टिस बोले ''शहर में निकलकर बिजली व्यवस्था का देखेंगे हाल'', गैर वानिकी निर्माण पर कोर्ट की रोक - CHHATTISGARH HIGH COURT
बिलासपुर में वन विभाग की जमीन पर चल रहे काम को हाई कोर्ट के आदेश से रोक दिया गया है. कोर्ट ने यथास्थिति बनाने के निर्देश जारी करते हुए केंद्र और राज्य शासन को नोटिस जारी किया है. बिलासपुर शहर में चौपट बिजली व्यवस्था को लेकर भी कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा कि ''वो शहर में निकलकर देखेंगे कि बिजली व्यवस्था में कितना सुधार आप लोगों ने किया है.''
शहर में निकलकर बिजली व्यवस्था का देंखेंगे हाल (ETV Bharat)
बिलासपुर:छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने वन विभाग की जमीन पर कराए जा रहे गैर वानिकी निर्माण पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए. कोर्ट ने केंद्र और राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब देने का भी निर्देश दिया है. राज्य शासन की ओर से ग्राम पंचायत सिंघानपुर जिला सारंगढ़ में सरपंच के माध्यम से वन भूमि पर सार्वजनिक उपयोग के लिए निर्माण कार्य कराया जा रहा है.
हाई कोर्ट ने लगाई निर्माण पर रोक: जहां पर निर्माण किया जा रहा है वह भूमि अभिलेख में छोटे झाड़ के जंगल के रूप में दर्ज है. जानकी निराला ने इस निर्माण के विरुद्ध तहसीलदार से शिकायत की थी. शिकायतकर्ता का कहना था कि '' इस निर्माण से वन भूमि को परिवर्तित किया जा रहा है. उनकी स्वयं की भूमि पर आवागमन का रास्ता बंद हो रहा है. तहसीलदार ने जांच के बाद पाया कि निर्माण कार्य वन भूमि पर किया जा रहा है.
फरियादी पहुंचा कोर्ट की शरण में: इसके बाद भी इस पर रोक के लिए प्रस्तुत आवेदन तहसीलदार और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने खारिज कर दिया. इसके विरुद्ध जानकी निराला ने अधिवक्ता सुशोभित सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिसपर कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.
क्या कहा गया याचिका में: याचिका में बताया गया कि ''वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अनुसार केवल केंद्रीय सरकार की अनुमति से ही वन भूमि पर गैर वानिकी निर्माण कार्य किया जा सकता है. वन संरक्षण अधिनियम के अनुसार प्रत्येक शासकीय प्राधिकारी का यह कर्तव्य है कि केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर गैर वानिकी निर्माण न होने दे. वन भूमि का गैर वानिकी परिवर्तन दंडनीय अपराध है.
केंद्र और राज्य सरकार को जारी किया नोटिस: हाई कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसके साथ ही निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया.
बिजली व्यवस्था पर हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी:बिलासपुर शहर की चौपट बिजली व्यवस्था पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. नगर निगम आयुक्त की ओर से लिखित शपथपत्र प्रस्तुत कर बताया गया कि ''पूरे शहर में बिजली व्यवस्था को ठीक करने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है. इसके लिए अलग अलग दल अपना काम करने में जुटे हैं.'' सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ''वो भी शहर में निकल कर देखेंगे कि व्यवस्था में कितना सुधार हुआ है''. चीफ जस्टिस ने कहा कि ''पूरे प्रदेश में बिजली व्यवस्था चौपट है, जल्द व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए''.
नगर निगम का कोर्ट में शपथ पत्र:नगर निगम बिलासपुर के आयुक्त ने कोर्ट में प्रस्तुत शपथपत्र में बताया कि ''नगर निगम सीमा क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट और सड़क पर लगाई गई अन्य लाइट और खंभों के लिए अलग अलग टीम बनाकर निगरानी की जा रही है. जिस जगह पर लाइट खराब है उसे सुधारा या बदला जा रहा है. निरंतर निगरानी करते हुए व्यवस्था बनाई जा रही है.
नाराज हुए जज: चीफ जस्टिस ने कहा कि ''शहर में तो खराब हालत हैं ही, पूरे प्रदेश में भी बिजली वितरण की स्थिति अच्छी नहीं है. प्रदेश में कहीं भी जाएं, बिजली के संबन्ध में लोगों की शिकायत जरूर मिलेगी. मुख्य मार्ग में ही अंधेरा रहता है. हाइवे के हालत भी बहुत बेकार हैं. शाम होते ही कई जगह रायपुर एक्प्रेस वे में अंधेरा छाया रहता है.''
चीफ जस्टिस ने जताया दुख: चीफ जस्टिस ने अंधेरे के कारण सड़कों पर वाहन से कुचलकर मवेशियों की मौत पर भी दुख जताया. कोर्ट ने कहा कि ''दुःख की बात है कि हम स्लॉटर हाउस के लिए अलग कानून बना रहे हैं और इधर सडकों पर गाय भारी वाहनों की चपेट में आकर मारी जा रही हैं. सडक पर बैठे मवेशियों से टकराकर दुपहिया सवार भी मारे जा रहे हैं.''