श्रीनगर: हेमवंती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विवि में इस सत्र से बढ़ने वाली फीस पर रोक लग गई है. इसके साथ नए शिक्षा सत्र में जो छात्र सीयूईटी एक्जाम देने से वंचित रह गए थे, उन्हें विवि रिक्त सीटों पर मेरिट के आधार पर एडमिशन देने जा रहा है. गढ़वाल विवि के छात्रों के आंदोलन के बाद विवि के उच्च आधिकारियो कई दौर की बैठक के बाद ये फैसला लिया है. इसके अलावा भी छात्रों के आंदोलन में उठाई गई 16 से अधिक मांगों पर विवि ने फैसला लिया है. जिसमें छात्रों की बसों की दिक्कत ,नए दो कोर्सों के संचालन सहित कई अन्य मांगें भी विवि ने मान ली हैं.
हेमवंती नंदन गढ़वाल विवि के प्रशासनिक भवन गेट के समीप छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन 11वें दिन भी जारी रहा. छात्र 16 सूत्रीय मांगों को पूरा किए जाने की मांग को लेकर अड़े रहे. इस बीच विवि के अधिकारियों व छात्रों के बीच कई दौर की वार्ता चली, देर सायं छात्रों की अधिकांश मांगों पर सहमति बनी. छात्रों ने स्पष्ट किया कि लिखित में आश्वासन मिलने के बाद में आंदोलन समाप्त करेंगे. निश्चितकालीन धरने पर बैठे छात्रों को उम्मीद थी कि विवि प्रशासन उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई करेगा. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आंदोलित छात्रों व प्रवेश समिति समेत विवि के सभी कैंपस के निदेशक, संबद्ध महाविद्यालय के प्राचार्य के साथ ऑनलाइन मीटिंग कराई गई.
मीटिंग में प्रवेश समेत परीक्षा व अन्य फीसों में हुई बढ़ोतरी को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान आंदोलित छात्रों ने फीस वृद्धि के फैसले को वापस लेने की बात कही, जिस पर अधिकारियों के साथ कोई सहमति न बनने पर छात्रों ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया. इसके बाद कुलसचिव प्रो. राकेश ड्यूडी ,मुख्य नियंता प्रो. बीपी नैथानी व डीएसडब्ल्यू प्रो. एमएस नेगी द्वारा धरनास्थल पर पहुंच छात्रों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे. छात्रसंघ अध्यक्ष सुधांशु थपलियाल ने कहा कि फीस बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेने से लेकर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने, प्रति कुलपति को हटाने समेत 16 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं. इनमें से विवि ने कई मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है, साथ ही कुछ मांगों पर विद्या परिषद में प्रस्ताव रखने की बात भी कही है.