ETV Bharat / state

डिम्मर गांव से ऋषिकेश रवाना गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा, कल पहुंचेगी नरेंद्रनगर - GADU GHADA TEL KALASH

दो फरवरी बसंत पंचमी को नरेंद्रनगर टिहरी राजदरबार पहुंचेगा गाडू घड़ा तेल कलश

GADU GHADA TEL KALASH
डिम्मर गांव से ऋषिकेश रवाना गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 1, 2025, 8:33 PM IST

चमोली: श्री लक्ष्मी-नारायण मंदिर डिम्मर में पूजा-अर्चना के बाद गाडूघड़ा तेल कलश को डिमरी पुजारियों ने ऋषिकेश को विदा किया. शुक्रवार देर शाम को गाडूघड़ा पांडुकेश्वर योगध्यान मंदिर से डिम्मर गांव पहुंचा. गांव में पहुंचने पर भगवान बदरीविशाल के जयकारों से गाडूघड़ा तेल कलश का भव्य स्वागत किया गया. तेल कलश को लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित किया गया.

आज शनिवार सुबह मंदिर के पुजारी मोहन प्रसाद डिमरी ने विष्णु सहस्रनाम और नामावलियों से महाभिषेक पूजाएं संपादित की. जिसके बाद बाल भोग लगाया गया. डिम्मर गांव के ऐतिहासिक राम मंदिर चौंरीचौक में विशाल जन समूह के साथ गाडूघड़ा को ऋषिकेश के लिए विदा किया गया.

बता दें गाडूघड़ा तेल कलश की उपस्थिति में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर नरैंद्र नगर राज दरबार में श्री बदरी विशाल के कपाट खुलने और तिलों का तेल निकालने की तिथि निर्धारित की जाती है. साथ ही डिम्मर गांव में होली के पावन पर्व के मध्य में आयोजित होने वाली पौराणिक रामलीला मंचन की तिथि भी निर्धारित करने की परंपरा है. डिम्मर -उमट्टा धार्मिक पंचायत के सरपंच आचार्य विजय राम डिमरी ने बताया गाडूघड़ा तेलकलश आज डिम्मर गांव से रात्रि प्रवास के लिए ऋषिकेश मंदिर समिति के विश्राम गृह ऋषिकेश पहुंचेगा. दो फरवरी को बसंत पंचमी के पर्व पर श्री बदरीनाथ धाम के डिमरी पुजारियों के साथ नरेंद्रनगर टिहरी राजदरबार में पहुंचेंगे. जहां पर राज पुरोहितों की ओर से महाराजा मनुजैंद्र शाह पंचांग पूजा के बाद श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि निर्धारित की जाएगी.

पढे़ं- चारधाम यात्रा 2025: इस साल 30 अप्रैल से शुरू होगी यात्रा, जानिए सबसे पहले किस धाम के खुलेंगे कपाट

चमोली: श्री लक्ष्मी-नारायण मंदिर डिम्मर में पूजा-अर्चना के बाद गाडूघड़ा तेल कलश को डिमरी पुजारियों ने ऋषिकेश को विदा किया. शुक्रवार देर शाम को गाडूघड़ा पांडुकेश्वर योगध्यान मंदिर से डिम्मर गांव पहुंचा. गांव में पहुंचने पर भगवान बदरीविशाल के जयकारों से गाडूघड़ा तेल कलश का भव्य स्वागत किया गया. तेल कलश को लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित किया गया.

आज शनिवार सुबह मंदिर के पुजारी मोहन प्रसाद डिमरी ने विष्णु सहस्रनाम और नामावलियों से महाभिषेक पूजाएं संपादित की. जिसके बाद बाल भोग लगाया गया. डिम्मर गांव के ऐतिहासिक राम मंदिर चौंरीचौक में विशाल जन समूह के साथ गाडूघड़ा को ऋषिकेश के लिए विदा किया गया.

बता दें गाडूघड़ा तेल कलश की उपस्थिति में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर नरैंद्र नगर राज दरबार में श्री बदरी विशाल के कपाट खुलने और तिलों का तेल निकालने की तिथि निर्धारित की जाती है. साथ ही डिम्मर गांव में होली के पावन पर्व के मध्य में आयोजित होने वाली पौराणिक रामलीला मंचन की तिथि भी निर्धारित करने की परंपरा है. डिम्मर -उमट्टा धार्मिक पंचायत के सरपंच आचार्य विजय राम डिमरी ने बताया गाडूघड़ा तेलकलश आज डिम्मर गांव से रात्रि प्रवास के लिए ऋषिकेश मंदिर समिति के विश्राम गृह ऋषिकेश पहुंचेगा. दो फरवरी को बसंत पंचमी के पर्व पर श्री बदरीनाथ धाम के डिमरी पुजारियों के साथ नरेंद्रनगर टिहरी राजदरबार में पहुंचेंगे. जहां पर राज पुरोहितों की ओर से महाराजा मनुजैंद्र शाह पंचांग पूजा के बाद श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि निर्धारित की जाएगी.

पढे़ं- चारधाम यात्रा 2025: इस साल 30 अप्रैल से शुरू होगी यात्रा, जानिए सबसे पहले किस धाम के खुलेंगे कपाट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.