रांचीः रोजगार के मुद्दे पर हेमंत सरकार हमेशा सवालों के घेरे में रही है. विपक्ष के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनेवाले युवा इस मुद्दे पर सरकार को आए दिन कोसते रहे हैं. ऐसे में वर्तमान सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती शेष बचे कार्यकाल में अधिक से अधिक झारखंड के युवाओं को सरकारी-गैरसरकारी नौकरी देने का है मगर यह संभव कैसे होगा.
लाख कोशिशों के बावजूद जेपीएससी और जेएसएससी परीक्षा समय पर लेने में सफल नहीं हो पा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों प्रोजेक्ट भवन में दोनों आयोग के कामकाज की समीक्षा करते हुए नियुक्ति परीक्षा आयोजित करने में तेजी लाने का निर्देश दिया था इसके बाबजूद किसी ना किसी वजह से आज भी एक दर्जन से अधिक नियुक्ति परीक्षा का परिणाम अंतिम रुप नहीं ले पाया है.
हालांकि मंत्री हफीजुल हसन का मानना है कि सरकार बड़े पैमाने पर आने वाले समय में नियुक्ति करने जा रही है. अब तक हुए विलंब के पीछे सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है जिस वजह से बाधित होता रहा है. उन्होंने इसके लिए केन्द्र को दोषी मानते हुए युवाओं को सोशल मीडिया पर चल रहे दुष्प्रचार से बचने की सलाह दी.
जेपीएससी और जेएसएससी की लंबित प्रमुख परीक्षा
झारखंड में नियुक्ति को लेकर ली जाने वाली परीक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं लंबित हैं. इनमें जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2024, जेएसएससी सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) परीक्षा 2023, जेएसएससी महिला पर्यवेक्षिका नियुक्ति परीक्षा, झारखंड पारा मेडिकल संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा, झारखंड इंटरमीडिएट संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2024 शामिल है. इसके अलावा प्रदेश में प्रारंभिक विद्यालय में 26 हजार सहायक आचार्य की नियुक्ति भी लंबित है.
युवा पूछ रहे सवाल कैसे देंगे 40 हजार नियुक्ति