रुद्रप्रयाग: विगत दो हफ्तों से कुंड में पुल के आधार स्तंभ और पुश्ते को नुकसान पहुंचने से मार्ग पर चार पहिया वाहनों के लिए आवाजाही बंद कर दी गई है. हालांकि दोपहिया वाहनों के लिए मार्ग खुला हुआ है. केदारघाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बरसात के चलते कई स्थानों पर मोटरमार्ग खिसक जाने से यातायात लगातार प्रभावित हो रहा है. सबसे बड़ी समस्या तो तब आड़े आई जब कुंड में केदारनाथ जाने वाले भारी भरकम लोहे के पुल के एक साइड के आधार स्तंभ के पत्थर निकल गए और इस स्थान पर लगभग पांच मीटर स्थान रिक्त हो गया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एनएच विभाग इस मार्ग को चार पहिया वाहनों के लिए बंद कर दिया है.
रुद्रप्रयाग कुंड पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद, मंदाकिनी नदी से हो रहा लगातार भूकटाव, लोग परेशान - Kund Bridge in Rudraprayag - KUND BRIDGE IN RUDRAPRAYAG
Kund Bridg Heavy Vehicles Movement Closed रुद्रप्रयाग कुंड पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है. भारी बारिश से पुल के आधार स्तंभ और पुश्ते को नुकसान पहुंचने के बाद ये निर्णय लिया गया है. वहीं मार्ग पर दोपहिया वाहनों की आवाजाही जारी है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Aug 11, 2024, 9:46 AM IST
भारी बारिश से मंदाकिनी नदी उफान पर है. कुंड में पुल के आधार स्तंभ के बोल्डर और पुश्ते को नुकसान पहुंचने से मार्ग पर चार पहिया वाहनों के लिए आवाजाही बंद कर दी गई है. लगातार हो रही बारिश से इस स्थान पर अभी मरम्मत का कार्य नहीं किया जा सकता है. मार्ग खुला ना होने के बाद गुप्तकाशी चुन्नी बैंड मोटरमार्ग से चार पहिया वाहनों को आवाजाही करनी पड़ रही है. गुप्तकाशी से चुन्नी बैंड के बीच वाहनों का इतना दबाव है कि आए दिन कई घंटे जाम की स्थिति देखने को मिल रही है. जिस कारण लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में तय समय से काफी अधिक लग रहा है.
कुंड पुल के साथ-साथ कुंड से लगभग चार सौ मीटर आगे मंदाकिनी नदी के तट पर लगभग बीस मीटर नवनिर्मित पुश्ता क्षतिग्रस्त होने से मार्ग कभी भी खिसक सकता है. हालांकि ऊपर से दिखने में मोटर मार्ग सही दिख रहा है, लेकिन नीचे से खोखला होने पर यहां पर कभी भी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती है. कुंड गुप्तकाशी मोटरमार्ग पर कालीमठ गेट के निकट मार्ग का 20 मीटर हिस्सा जमींदोज होने से यह मार्ग भी जानलेवा बना हुआ है. वहीं एनएच के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने कहा कि बारिश के मौसम में कार्य करना कठिन है, लेकिन बरसात के रुकते ही उक्त सभी मार्गों का मरम्मत का कार्य किया जाएगा.
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