नैनीतालःउत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के जिलों में स्थापित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों में विशेषज्ञ स्टाफ की तैनाती की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने सचिव स्वास्थ्य, सचिव समाज कल्याण व कमिश्नर दिव्यांगजन को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 9 जनवरी को पेश होने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी. पिछली तिथि को कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से एक हफ्ते के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था.
सोमवार को राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि 13 जिलों में सेंटर बनाए गए हैं. लेकिन सिर्फ टिहरी जिले में सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं. बाकि 12 जिलों में सेंटर बने हैं लेकिन स्टाफ और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. वहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि टिहरी में पूरी सुविधाएं उपलब्ध होने के कारण उसी को ही केंद्र की योजनाओं का लाभ मिल रहा है. बाकी जिलों में सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण वे केंद्र की योजनाओं से वंचित हो रहे हैं. जिसपर कोर्ट ने सचिव स्वास्थ्य समेत अन्य को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने को कहा है.