नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के द्वारा बिना न्याय विभाग की अनुमति लिए, शासनादेश के विरुद्ध जाकर उच्च न्यायालय में कुछ विशेष मामलों में सरकार की तरफ से प्रभावी पैरवी करने हेतु सर्वोच्च न्यायालय से स्पेशल काउंसिल बुलाने और उन्हें प्रति सुनवाई हेतु 10 लाख रुपए दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की.
मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ के पास मामले की सुनवाई के लिए पर्याप्त समय न होने के कारण अगली सुनवाई हेतु 26 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई. आज हुई सुनवाई पर राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि इसमें मुख्यमंत्री और मुख्य स्थायी अधिवक्ता और एक आईएसएस पक्षकार बनाये गए हैं, इसलिए जनहित याचिका से इनके नाम हटाए जाएं, जिसका विरोध याचिकाकर्ता द्वारा किया गया. याचिकाकर्ता ने कहा कि पिछली तारीख को कोर्ट ने राज्य के चीफ सेकेट्री से इसमें अपना व्यक्तिगत शपथपत्र पेश करने को कहा था, लेकिन अभी वो पेश नहीं किया.