नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गाड़ियों की ओवर स्पीड से हो रही दुर्घटनाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने आईजी ट्रैफिक अरुण मोहन जोशी से कहा है कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए और क्या बेहतर किया जा सकता है? इस पर अपने सुझाव कोर्ट में 6 सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करें.
पूर्व के आदेश पर गुरवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईजी ट्रैफिक अरुण मोहन जोशी कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि ओवर स्पीड से कई नौजवानों की मौत हो चुकी है. उसको रोकने के लिए यातायात पुलिस कार्य कर रही है और ओवर स्पीड से चल रहे वाहनों का चालान किया जा रहा है. न्यायालय के संज्ञान में यह भी तथ्य लाया गया कि अधिकतर दुर्घटनाएं 16 से 25 साल के नवयुवकों के साथ हो रही है. दुर्घटनाओं का कारण ओवर स्पीड या नशा सामने आया है.
अरुण मोहन जोशी ने आगे यह भी कहा कि कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे और रोड पर सेंसर लगा दिए गए हैं. जिसपर कोर्ट ने आईजी ट्रैफिक से दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अपने अन्य सुझाव प्रस्तुत करने के लिए कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी.
आज हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को अवगत कराया कि जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 तक राज्य में 884 रोड एक्सीडेंट के मामले सामने आए हैं. कई घरों के चिराग बुझ गए हैं. इसलिए रोड पर स्पीड सेंसर लगाए जाएं. जिसकी जानकारी संबंधित थाने और परिजनों को मिल सके.