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गौशाला निर्माण के लिए धन आवंटन मामले पर HC में सुनवाई, दो सप्ताह में राज्य सरकार से मांगा जवाब - Uttarakhand High Court

Uttarakhand High Court नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्दूचौड़ व खटीमा में गौशाला निर्माण के लिए जल्द धन आवंटन करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की. जिसमें राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट कराने के आदेश दिए गए हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 10, 2024, 3:45 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्दूचौड़ व खटीमा में गौशाला निर्माण के लिए जल्द धन आवंटन करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर स्थिति से अवगत कराने के आदेश दिए हैं. वहीं, मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह के बाद की तारीख निर्धारित की गई है.

मामले के अनुसार हल्द्वानी के हल्दूचौड़, जिला नैनीताल स्थित श्रील नित्यानंद पाद आश्रम श्री गौड़ राधा कृष्ण मंदिर समिति द्वारा जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि समिति द्वारा संचालित परमा हल्दूचौड़ स्थित गौशाला और दिया खटीमा स्थित गौशाला में 1500 पशु हैं. जिनके रखरखाव हेतु कोई बाड़े की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण पशु गर्मी, बरसात और जाड़े के मौसम का शिकार हो रहे हैं, इसलिए इन पशुओं को बचाने हेतु तत्काल बाड़े बनाये जाने की जरूरत है.

जनहित याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु गौशाला-गौसदनों के निर्माण व विस्तारीकरण हेतु 4 जनवरी 2024 को धन आवंटन का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में 13 मार्च 2024 को निदेशक पंचायती राज द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित गौशाला हेतु 10 करोड़ रुपये के आवंटन का जिक्र किया गया है. उक्त आवंटन के अनुसार याचिकाकर्ता द्वारा संचालित दिया खटीमा गौशाला हेतु 79.15 लाख रुपये और परमा हल्दूचौड़ गौशाला हेतु 45.35 लाख रुपये की राशि संबंधित जिला पंचायतों को अवन्मुक्त किये जाने का उल्लेख किया गया है.

जनहित याचिका में कहा गया है कि धन अभाव के कारण गौशाला में रखे गए गौवंश को कड़क धूप से बचाने के लिए छत युक्त बाड़े का निर्माण नहीं हो पा रहा है. यदि तत्काल प्रभाव से उपरोक्त राशि का उपयोग नहीं किया गया और गौशाला में छत युक्त पर्याप्त बाड़ों का निर्माण तत्काल नहीं किया गया, तो करीब डेढ़ हजार गौवंशों को जान का खतरा बना हुआ है.

जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि उनके दोनों गौशालाओं हेतु स्वीकृत धनराशि को जल्द अवमुक्त कराया जाए, ताकि इन बेजुबानों को भीषण गर्मी, बरसात और ठंड के समय छत मिल सके. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर स्थिति से स्पष्ट करने को कहा है. याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में सचिव पंचायती राज उत्तराखंड, जिलाधिकारी नैनीताल, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर,जिला पंचायत नैनीताल, जिला पंचायत उधम सिंह नगर सहित उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड को पक्षकार बनाया गया है.

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