नई दिल्ली:दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट का सेशंस कोर्ट आज दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. ये याचिका बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर की ओर से दाखिल कि गई थी. स्पेशल जज विशाल गोगने सुनवाई करेंगे.
पहले सेशंस कोर्ट ने रोक लगाई थी:सेशंस कोर्ट ने 22 नवंबर को मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन के आदेश पर रोक लगा दिया था. प्रवीण शंकर कपूर ने आतिशी की याचिका पर 23 अक्टूबर को जवाब दाखिल किया था. सेशंस कोर्ट ने 30 सितंबर को प्रवीण शंकर कपूर को नोटिस जारी किया था. दरअसल एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने आतिशी को समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था. इस मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 23 जुलाई को आतिशी को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी.
क्या है पूरा मामला:दरअसल प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी मार्लेना के खिलाफ आपराधिक मानहानि याचिका दायर किया है. 28 मई को कोर्ट ने प्रवीण शंकर कपूर की मानहानि याचिका पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस मामले में अभी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ संज्ञान नहीं लिया है. याचिका में प्रवीण शंकर कपूर की ओर से कहा गया है कि केजरीवाल और आतिशी ने बीजेपी नेताओं पर झूठा आरोप लगाया कि वे करोड़ों रुपये लेकर बीजेपी में शामिल हो जाएं. जबकि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.
प्रवीण शंकर कपूर की ओर से 27 जनवरी के अरविंद केजरीवाल के ट्विटर पर किए गए पोस्ट और आतिशी मार्लेना के 2 अप्रैल के प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र किया गया. प्रवीण शंकर कपूर की ओर से कहा गया है कि आरोपियों ने अपने आरोपों के संबंध में कोई साक्ष्य भी पेश नहीं किया.
बता दें कि 16 मई को प्रवीण शंकर कपूर के बयान दर्ज किए गए थे. प्रवीण शंकर कपूर ने मानहानि याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि केजरीवाल और आतिशी ने बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाया कि वे करोड़ों रुपये लेकर बीजेपी में शामिल हो जाएं.
करोड़ों रुपये लेकर बीजेपी में शामिल होने के आरोप
याचिका में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने झूठा और मनगढ़ंत आरोप लगाया है कि बीजेपी उनके नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने का दबाव बना रही है. प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है और न ही कोई साक्ष्य पेश किया गया है. याचिका में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने ये आरोप लगाकर दिल्ली आबकारी घोटाला मामले से ध्यान भटकाना चाहती है.