कोटद्वार: उत्तराखंड बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में गवाहों के पहुंचने पर अग्रिम तारिख 26 अप्रैल को निर्धारित की गई है. मामले की पिछली तारीख में बचाव पक्ष के अधिवक्ता किन्हीं कारणों से कोर्ट नहीं पहुंच पाये थे. जिसके कारण गवाहों के बयान में जिरह नहीं हो सकी. अंकिता हत्याकांड मामले में पिछली तारीख में वीआई दूरसंचार कम्पनी के नोडल अधिकारी विशाल शर्मा के बयान अदालत में दर्ज हुये. बचाव पक्ष के वकील न आने पर जिरह नहीं हो सकी.
शुक्रवार को अपर जिला सत्र न्यायालय में नोडल अधिकारी व पौड़ी निवासी नीरु रावत को अदालत ने समन प्रेषित किये, लेकिन दोनों गवाह किन्हीं कारणों से कोर्ट में तामिल नहीं हो सके. कोटद्वार अपर जिला सत्र न्यायालय ने दोनों को बयान दर्ज कराने के लिए 26 अप्रैल को कोर्ट हाजिर होने के लिए समन भेजा गया है.
अंकिता भंडारी हत्याकांड: पौड़ी श्रीकोट निवासी अंकिता भण्डारी यमकेश्वर विधानसभा के राजस्व क्षेत्र गंगा भोगपुर में वंनत्रा रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी. 20 वर्षीय अंकिता भंडारी 18 सितम्बर 2022 को वंनत्रा रिसॉर्ट से गायब हो गई. रिसॉर्ट के मालिक अंकित गुप्ता ने तत्काल अंकिता के वीरेंद्र भण्डारी को जानकारी दी. अंकिता भण्डारी के पिता ने राजस्व उप निरीक्षक के पास जाकर गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई. काफी खोजबीन करने पर भी अंकिता का कोई पता नहीं चला. तत्कालीन जिलाधिकारी पौड़ी ने गुमशुदा का मामला राजस्व क्षेत्र से रेगुलर पुलिस की सौंपा. पुलिस की सख्ताई के बाद वंनत्रा रिसॉर्ट के मालिक अंकित गुप्ता, मैनेजर सौरभ भास्कर ने अंकिता भण्डारी की हत्या की बात कबूल की. जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप भट्ट ने बताया 26 अप्रैल को हत्याकांड के मामले की तारीख सुनिश्चित की गई है. दोनों गवाहों को न्यायालय के माध्यम से समन जारी कर दिये गये हैं.
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