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रोज ताली बजाने और नंगे पैर चलने से होंगे चमत्कारी फायदे, अरुण ऋषि ने कृषि विश्वविद्यालय में बताया क्लैप थेरेपी के लाभ - HARYANA AGRICULTURAL UNIVERSITY

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा गांधी ऑडिटोरियम में 'एक दवा निराली 15 सेकेंड की ताली' कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

ARUN RISHI IN HISAR
हिसार में अरुण ऋषि (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 18, 2024, 10:56 PM IST

हिसार: स्वास्थ्य की अलख जगाते हुए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा गांधी ऑडिटोरियम में 'एक दवा निराली 15 सेकेंड की ताली' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अनूठे कार्यक्रम में प्रख्यात मोटिवेशनल स्पीकर अरुण ऋषि ने 15 सेकेंड में स्वस्थ रहने के उपाय बताकर सभी का दिल जीत लिया. यह आयोजन चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय व भारत विकास परिषद की केशव शाखा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया.

क्लैप थेरेपी काफी कारगर : अरुण ऋषि ने बताया कि क्लैप थेरेपी काफी कारगर है. इससे कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि हर रोज ताली बजाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. उन्होंने तकनीकी रूप से समझाया कि हमारे दोनों हाथों में कई प्रेशर प्वाइंट्स होते हैं. ताली बजाने से उन पर प्रेशर पड़ता है तो रक्त संचार बढ़ता है. साथ ही उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को 15 से 20 मिनट तक हर रोज नंगे पैर चलना चाहिए. इससे तलवों के प्वाइंट्स पर प्रेशर पड़ता है और कई बीमारियों से निजात मिलती है.

अरुण ऋषि ने आठवें अजूबे के रूप में हासिल की प्रसिद्धि : विश्व में सात अजूबे विख्यात हैं लेकिन अपने अदभुत विचारों व क्रियाकलापों के कारण अरुण ऋषि आठवें अजूबे के रूप में प्रसिद्ध हो चुके हैं. खास बात यह है कि वे देश की राज्यसभा, 18 विधानसभाओं व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यक्रम में जीवन जीने की कला से रूबरू करवा चुके हैं. इसी तरह कॉरपोरेट हाउस के अनगिनत कार्यक्रमों में उन्होंने जीवन जीने की सही कला सिखाने का काम किया है.

आज तक एक भी रुपया स्वास्थ्य पर खर्च नहीं किया : यह भी उल्लेखनीय है कि 72 वर्षीय अरुण ऋषि स्वर्गीय ने आज तक दवाइयों पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. वर्ष 1997 में व्यवसाय से निवृत्ति लेकर उज्जैन में आयुष्मान भव ट्रस्ट की स्थापना की. इस ट्रस्ट के माध्यम से वे 27 लाख किलोमीटर की यात्रा करके और 2700 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित करके लोगों में स्वास्थ्य की अलख जगा चुके हैं.

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