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किसान खेत की मिट्टी की सेहत की जांच करवाएं, 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनेगा' वरदान - Farrukhabad News - FARRUKHABAD NEWS

उप कृषि निदेशक टीएस गौतम ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा (agricultural news) कि सभी किसान खेत की मिट्टी का जरूर जांच कराएं.

उप कृषि निदेशक टीएस गौतम ने दी जानकारी
उप कृषि निदेशक टीएस गौतम ने दी जानकारी (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 10:37 AM IST

उप कृषि निदेशक टीएस गौतम ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)

फर्रुखाबाद : यूपी के फर्रुखाबाद जिले में खरीफ की फसल की बुवाई होनी है. उससे पहले किसान अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवाकर उर्वरता जान सकते हैं. लगातार बढ़ रहे रसायनों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा क्षमता कम होती जा रही है. इससे बचने के लिए मिट्टी जांच जरूरी है. सरकार मिट्टी परीक्षण के लिए मुहिम चलती है. पिछले साल जिले में 12 हजार सैंपलों की जांच की गई. इसी कड़ी में इस बार सरकार ने 7000 सैंपलों की जांच कर सॉइल हेल्थ कार्ड (मृदा स्वास्थ्य कार्ड) बनाने का जिम्मा विभाग को दिया गया है.


उप कृषि निदेशक टीएस गौतम ने ईटीवी भारत को बताया कि अच्छी मिट्टी के बिना खेत में पैदावार ठीक नहीं होती है. इस वजह से किसान हर वक्त परेशान रहते हैं. किसानों की इसी परेशानी को देखते हुए अब जिले में मिट्टी की सेहत की जांच पर जोर दिया जा रहा है. जिले के 500 से अधिक गांव की जांच की जाएगी. कृषि विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है. अगर मिट्टी में दम नहीं तो किसान की सारी मेहनत बेकार होगी. ना अच्छी फसल होगी ना फायदा, इसलिए मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए कृषि विभाग ने कमर कस ली है.

उन्होंने कहा कि जिले के 500 से अधिक गांवों की मिट्टी की जांच की जा रही है. कृषि विभाग में इसके लिए टीम बनाई है, जो गांवों तक पहुंचकर खेतों की मिट्टी लाएगी और फिर इस मिट्टी की लैब में जांच की जाएगी. मिट्टी के इन नमूनों को 12 पैरामीटर पर प्रकाश आएगा, इसमें चार अति सूक्ष्म पोषक तत्वों की जांच होती है. हर गांव से 10 किसान के खेत की मिट्टी का नमूना लाया जाएगा और सेहत की जांच की जाएगी. मिट्टी की जांच के बाद मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा. मिट्टी लाने की जिम्मेदारी कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार को दी गई है. 500 गांव की मिट्टी लाने का काम जारी है और जल्द ही पूरा हो जाएगा.


उप कृषि निदेशक टीएस गौतम ने बताया कि जांच के बाद किसानों का मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. जांच रिपोर्ट के आधार पर फिर मिट्टी के लिए क्या करना है उसे बारे में आगे किसानों को सलाह दी जाएगी. रासायनिक खाद जमीन को लगातार नुकसान पहुंचा रही है. इससे जमीन की उर्वरता नष्ट हो रही है. मृदा कार्ड खेत के स्वास्थ्य की जांच के लिए बनाया जा रहा है. जांच के बाद किसानों को वैज्ञानिक सलाह देंगे कि उन्हें अपने खेत की उर्वरक शक्ति बढ़ाने के लिए क्या करना है, वह पैदावार कैसे बढ़ाए? खेत में खाद की मात्रा क्या हो और कौन सी खाद इस्तेमाल करें.


उन्होंने बताया कि जिले में एक कलेक्टर निर्धारित किया गया है. जिले में 7 ब्लॉक हैं, एक ब्लॉक से हमें 1000 नमूने लेना है. एक ब्लॉक से 10 ग्राम पंचायत हैं. एक ग्राम पंचायत से 100 कृषि नमूने लेने हैं. किसान की मिट्टी जब लैब में आती है तो दो दिन में प्रोसेस पूरा हो जाता है और किसान को अवगत करा दिया जाता है. अब तक करीब 1000 कार्ड किसान को बांट दिए गए हैं. इस प्रक्रिया में कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, सारा इंतजाम सरकार का रहता है.

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