लखनऊ:क्या आपकोसुबह के समय सिर में दर्द और तेज दबाव महसूस होता है? या फिर आंखों से धुंधला दिखता है, याददाश्त कमजोर होती जा रही है. ऐसे लक्षणों को नजरंदाज करना घातक हो सकता है. ये लक्षण ब्रेन ट्यूमर के है. वहीं, सिर में होने वाले कैंसर युक्त ट्यूमर के दोबारा होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. करीब 60 फीसदी रोगियों में ट्यूमर ऑपरेशन के कुछ माह बाद से लेकर पांच साल के भीतर दोबारा हो सकता है. जबकि कैंसर विहीन ट्यूमर ऑपरेशन के 10 से 15 साल बाद हो सकता है. विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस हर साल 8 जून को मनाया जाता है. लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विशेषज्ञों ने जानकारी साझा की.
पीजीआई के न्यूरो सर्जन डॉ. कमलेश सिंह भैसोड़ा ने बताया, कि आधुनिक तकनीक और गजेट्स आने से ब्रेन ट्यूमर की सफलता दर 90 फीसदी तक संभव है. दूरबीन, न्यूरो मॉनीटरिंग आदि गजेट्स से ट्यूमर के पूरे हिस्से का निकालना संभव हो गया है. बिनाइन ट्यूमर वाले मरीजों के ऑपरेशन के बाद मरीज सामान्य जीवन जी रहे हैं. हालांकि, कैंसर वाले ट्यूमर की सफलता दर कम है. यह काफी हद तक कीमो और रेडिएशन पर भी निर्भर करता है.
डॉ. कमलेश ने बताया, कि दिमाग के करीब 25 फीसदी ट्यूमर स्कल बेस दिमाग के (निचले हिस्से) में होते हैं. यह ऑपरेशन जटिल होते हैं. इसकी सर्जरी देश के कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है. कुछ ट्यूमर मस्तिष्क के ऊतकों को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं और कुछ ट्यूमर आसपास के हिस्सों पर दबाव डालते हैं. इसमें अक्सर सिरदर्द होते रहना सबसे कॉमन है. इसके साथ ही अगर आपको कुछ और लक्षण लंबे समय से महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.