डीके चौधरी, DIG व रमन कुमार मीणा, एसपी सिरमौर (ETV Bharat) सिरमौर:देवभूमि में बहुचर्चित हेड कांस्टेबल प्रकरण मामले में हिमाचल पुलिस की छवि को बड़ा दाग लगा है. वीडियो बनाकर अपने ही विभाग के पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाकर जनता की सहानुभूति बटोरने का प्रयास करने वाला हेड कांस्टेबल अब खुद भी इस पूरे प्रकरण में बैकफुट पर आ चुका है.
पहले नियमों को दरकिनार कर वर्दी में हेड कांस्टेबल ने चलती गाड़ी में वीडियो बनाया जिसमें एसपी सिरमौर पर कथित आरोप लगाने के साथ-साथ सुसाइड करने की बात कही और उसके बाद अपनी गाड़ी व मोबाइल को कालाअंब पुलिस थाने में छोड़ लापता हो गया. इसके बाद न केवल प्रदेश बल्कि हिमाचल पुलिस में हड़कंप मच गया.
अब जब सीआईडी व सिरमौर पुलिस लापता जवान को सही सलामत ढूंढकर वापस ले आई, तो कहानी ही कुछ और निकलकर सामने आ रही है. पुलिस की मानें तो हेड कांस्टेबल लापता नहीं हुआ था, बल्कि वह छिपा हुआ था. लिहाजा अब उसे विभागीय जांच का भी सामना करना पड़ेगा.
ऐसे में इतना जरूर है कि इस पूरे प्रकरण से खाकी की छवि खराब हुई है. वहीं, मामले की जांच कर रहे स्टेट सीआईडी (क्राइम) के डीआईजी व एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने हेड कांस्टेबल प्रकरण में जो खुलासे किए, उससे अब यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हेड कांस्टेबल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
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इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा पहलू यही है कि हिमाचल पुलिस की छवि को बड़ा आघात लगा है. पत्रकारवार्ता में खुद डीआईजी व एसपी ने इस बात को स्वीकार किया है. डीआईजी डीके चौधरी ने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस विभाग की किरकिरी हुई है, उसे हम सभी मानते हैं, क्योंकि जब किसी भी यूनिट का कोई सदस्य इस तरह का व्यवहार करता है तो पुलिस महकमे के लिए यह अच्छा नहीं रहता है.
लिहाजा हेड कांस्टेबल पर जो भी इन्क्वायरी होनी है वह निश्चित तौर पर होगी. डीआईजी और एसपी ने पत्रकार वार्ता में कहा यह मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है, लेकिन इतना जरूर है कि इस पूरे मामले में पुलिस विभाग की छवि को बुरी तरह ठेस पहुंचाई गई है और यह सारा घटनाक्रम बहुत दुखद है.
एसपी ने कहा पुलिस का पहला प्रयास यही था कि हेड कांस्टेबल सही सलामत मिले और वह स्वस्थ हो, क्योंकि वह भी हमारे ही परिवार का हिस्सा है, हमसे अलग नहीं है, लेकिन यह सारा घटनाक्रम क्यों हुआ, इसकी जांच होगी.
एसपी ने बताया कि हेड कांस्टेबल जसवीर को लेकर पहले भी 3-4 शिकायतें मिली हैं. कुल मिलाकर एक ओर जहां हेड कांस्टेबल पर 45 हजार रुपये के पैसे के लेनदेन के कथित वायरल ऑडियो की जांच चल रही है. वहीं, उसके खिलाफ कुछ और शिकायतें भी हैं.
वहीं, इस पूरे प्रकरण में हेड कांस्टेबल को विभागीय जांच का सामना अलग से करना पड़ेगा. उधर जिस केस की जांच हेड कांस्टेबल कर रहा था. वह भी अब सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया है. एसपी ने पत्रकारवार्ता में मारपीट के उपरोक्त मामले में भी हेड कांस्टेबल की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े किए. ऐसे में भले ही हेड कांस्टेबल प्रकरण से हिमाचल पुलिस की छवि पर दाग लगा हो, लेकिन इतना जरूर है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे हेड कांस्टेबल की मुश्किलें बढ़ना तय है. माना जा रहा है कि जांच में कई हैरान करने वाले और खुलासे हो सकेंगे. फिलहाल हेड कांस्टेबल अस्पताल में भर्ती है और पुलिस उसके बयान कलमबंद करने का इंतजार कर रही है.
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